महिला स्वास्थ्य:प्रेग्नेंसी से पहले कराएं हेल्थ चेकअप, थायरॉयड और हीमोग्लोबिन की समस्या हो तो सतर्क रहें, डेंटिस्ट से अपने मसूड़ों और दांतों की जांच कराना भी जरूरी
कोरोनाकाल ने हमें काफी कुछ सिखाया है। अब समय बहुत बदल चुका है। कपल डिलीवरी की डेट और टाइम भी कुछ हद तक अपने अनुसार तय कर लेते हैं। बच्चे की प्लानिंग से पहले महिलाओं को बहुत सतर्क रहने की जरूरत होती है। क्योंकि घर या फिर ऑफिस का तनाव गर्भवती महिला और उसके आने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के पहले महिलाओं को अपना हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। इससे शारीरिक और मानसिक परेशानी का पता लगाया जा सकता है।
कई बार आप शारीरिक रूप से तो सक्षम होती हैं, लेकिन मानसिक रूप से नहीं। इसलिए जब तक दोनों रूप से महिलाएं सक्षम नहीं होंगी, तब तक बच्चे की प्लानिंग नहीं करना चाहिए। यह कहना है गोग्स की सचिव डॉ. अचला सहाय का। वे कहती हैं कि कई बार महिलाएं प्रेग्नेंट होने के डर से गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के विरुद्ध कर लेती हैं, जिससे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
फोबिया न पालें
कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के नाम से ही डर लगने लगता है। ये एक प्रकार का फोबिया होता है। अगर किसी महिला के साथ इस प्रकार की समस्या हो तो बेहतर होगा कि पहले उसे अपने आपको इस बात के लिए प्रिपेयर करना चाहिए।
फिटनेस पर हो फोकस
बच्चे की प्लानिंग से पहले कपल को अपना हेल्थ चेकअप भी ठीक से करा लेना चाहिए। ऐसे में अगर कपल में कोई स्वास्थ्य समस्या निकलती है, तो कपल को पहले अपनी समस्याओं को लेकर डॉक्टर से बात करनी चाहिए। महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान थायरॉयड और हीमोग्लोबिन की भी समस्या हो जाती है। इससे भी सतर्क रहने की जरूरत होती है।मेडिकल प्रॉब्लम होने पर डॉक्टर महिला को डाइट के साथ ही कुछ ऐसी सावधानियों के बारे में भी बताते हैं, जो मां और बच्चे की सुरक्षा कर सकें। अगर महिला को किसी प्रकार की समस्या नहीं है तो उन्हें बिना स्ट्रेस लिए पौष्टिक आहार और एक्सरसाइज करनी चाहिए।35 वर्ष की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो ऐसी स्थिति में समय पर गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाना जरूरी है। पिछले कुछ सालों में एंडोक्राइन से जुड़ी समस्या या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं गर्भधारण में देखने को मिल रही हैं। इससे फर्टिलिटी भी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में गायनेकोलॉजिस्ट गर्भधारण करने के सुरक्षित तरीके के बारे में बता सकतीं हैं।
इन बातों का विशेष ध्यान रखें
महिलाओं को सिगरेट और एल्कोहल से दूरी बनाना चाहिए, साथ ही पुरुषों को भी अपने आने वाले बच्चे की अच्छी सेहत के लिए सिगरेट या एल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।महिला अगर चाय या कॉफी की अधिक शौकीन हैं तो इनका सेवन कम करें, क्योंकि इनमें कैफीन होता है, जो इस समय ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।गर्भवती होने से पहले डेंटिस्ट से जरूर अपने दांतों और मसूड़ों की जांच करवाएं, क्योंकि बच्चे (भ्रूण) की सेहत स्वस्थ दांतों से जुड़ी होती है। दांतों से जुड़ी समस्या या परेशानी को गर्भावस्था शुरू होने के बाद जांच करवाना ठीक नहीं होता है।सही उम्र में प्रेग्नेंसी प्लान करना चाहिए। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं।जंक फूड और पैक्ड फूड का सेवन न करें। पौष्टिक आहार जैसे दाल, हरी सब्जी, रोटी,सलाद, ताजे फल और जूस का सेवन सेहत के लिए बेहतर होगा।नियमित रूप से योग, व्यायाम और वॉक करने की आदत डालें। इससे फिट रहने में आसानी होगी। बैलेंस्ड वेट से डिलीवरी के वक्त परेशानी से बचा जा सकता है।