Prayagraj : माघ मेले में कल्पवासियों को उठानी पड़ रहीं हैं ये दिक्कतें, कल्पवासियों में नाराजगी
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश-माघ मेला स्नान दो अंतिम प्रयागराज (Prayagraj ) मेले से संबधित अधिकारियों का कहना है.
- कि कोरोना काल में आयोजित होने वाले माघ मेले की तैयारी इस बार देर से शुरू हुई।
- पूरी व्यवस्था करने में मेला प्रशासन को समय कम था।
- अधिकारी शीघ्र तैयारी पूरी करने का दावा कर रहे हैं।
- माघ मेला में कल्पवासियों का आना 26 तथा 27 जनवरी से शुरू होगा।
- उनका कल्पवास 28 जनवरी से शुरू होगा।
- इसलिए मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर बहुत कम कल्पवासी ही यहां आए हैं।
- जो कल्पवासी आए भी हैं उनको सुविधाएं नहीं मिली हैं।
- वह सुविधाओं के लिए मेला कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
बिना कल्पवासी मेला (Prayagraj) सूना-सूना सा लग रहा है।
- मैथिली कल्पवासियों की शिकायत है कि उनको यहां बसने के लिए सामान सही नहीं मिल रहा है।
- कल्पवासियों को सामान मुहैया कराने के लिए छह एजेंसियों को ठेका दिया गया है लेकिन उनके पास सामान पर्याप्त नहीं है।
- जो समान हैं, उसमें कुछ फटे-पुराने भी हैं। इससे कल्पवासियों में नाराजगी है।
- तीर्थ पुरोहित राजेन्द्र पालीवाल ने बताया कि कुछ कल्पवासी पिछले रविवार कल्पवास करने के लिए मेला क्षेत्र में आ चुके है।
- तीर्थ पुरोहित मेला प्रशासन से लगातार आग्रह कर रहा था
- कि कल्पवासियों को बसाने का काम तीर्थ पुरोहित करते हैं लिहाजा उनको भूमि का आवंटन पहले किया जाए ,
Prayagraj माघ मेले नहीं हुआ भूमि का आवंटन
- लेकिन अभी भी पूरी तरह तीर्थ पुरोहितों को भूमि का आवंटन नहीं हुआ है।
- भूमि का आवंटन नहीं होने से कल्पवासी कहां ठहरेंगे, लिहाजा कल्पवास करने वालो को तो समस्या पैदा होगी ।
- पालीवाल ने कहा कि कुछ लोग संक्रांति से कल्पवास करते हैं.
- और अधिकांश लोग पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक कल्पवास करते हैं।
- रविवार को प्रवेश का शुभ दिन था ,इसलिए मकर संक्रंति से माघ शुक्ल की संक्राति तक कल्पवास करने वाले
- साधु-संत एवं मिथिला के कल्पवासी मेला क्षेत्र में पहुंचे हैं।
इसमें बिहार और बंगाल के लोग भी होते हैं। बाकी लोग पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक कल्वास करते हैं।
- पालीवाल ने बताया कि अभी तक एक भी शिवर ऐसा नहीं है जहां पर मेला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गयी हो।
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पर्ची सुविधा को लेकर चल रही है खींचतान
- भूमि आवंटन के बाद अब तक मेला कार्यालय में सुविधा पर्ची को लेकर मामला चल रहा है।
इन तारीखों को होंगे स्नान
- उन्होंने बताया कि माघ मेला में कुल छह स्नान पर्व हाेने है
- पहला स्नान पर्व 14 जनवरी (मकर संक्रांति) दूसरा स्नान पर्व 28 जनवरी (पौष पूर्णिमा) तीसरा स्नान पर्व 11 फरवरी (मौनी अमावस्या) चौथा 16 फरवरी (बसंत पंचमी)
- पांचवा स्नान पर्व 27 फरवरी (माघी पूर्णिमा) तथा
- छठा और अंतिम 11 मार्च (महाशिवरात्रि) को होगा।