बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक, CM नितीश कुमार के काम पर प्रशांत किशोर ने खड़े किए सवाल !
बिहार में 2020 के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले है। वहीँ इन चुनावों से पहले ही बिहार में बड़ी राजनितिक उठापटक जारी है। साल की शुरुआत में JDU पार्टी में बड़ा बदलाव किया गया। यह बदलाव था कि JDU के महासचिव प्रशांत किशोर का पार्टी से बाहर निकाला जाना। बिहार के मुख्यमंत्री और JDU सुप्रीमों नितीश कुमार ने प्रशांत किशोर को पार्टी से बाहर निकालकर एक बड़ा बदलाव किया है। जिसे बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव भी माना जा रहा है।
यह पढ़ें : CAA पर शिवसेना और कांग्रेस में टकराव ! उद्धव ठाकरे ने CAA का किया समर्थन
बता दें की प्रशांत किशोर एक बेहतरीन राजनीतिक रणनीतिकार है। 2014 में प्रशांत किशोर ने ही मोदी सरकार के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी। तब बीजेपी को शानदार जीत मिली थी। जिसके बाद प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीती अपनाई थी। साथ ही उन्हें JDU का महासचिव चुन लिया गया था।
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई ऐलान किए। जनता दल (यूनाइटेड) से अलग होने के बाद प्रशांत किशोर ने अब अपने अलग रास्ते का ऐलान किया है, लेकिन वह किसी राजनीतिक पार्टी की शुरुआत नहीं करेंगे। प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ना ही वो कोई पार्टी बना रहे है न ही किसी गठबंधन का प्रचार करने वाले हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में उन्होंने कहा, “मेरी किसी राजनीतिक दल या गठबंधन को बनाने या फिर उसके प्रचार करने के काम में कोई दिलचस्पी नहीं है।”
यह पढ़ें : CAA पर शिवसेना और कांग्रेस में टकराव ! उद्धव ठाकरे ने CAA का किया समर्थन
प्रशांत किशोर ने किसी पार्टी का ऐलान नहीं किया लेकिन किशोर ने लोगों की बात जानने का प्लान बनाया है। 20 फरवरी से पीके एक कैंपेन लॉन्च करने जा रहे हैं जिसका नाम होगा ‘बात बिहार की।’ इस दौरान बिहार को देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल करने के लिए चर्चा की जाएगी।
यह पढ़ें : CAA पर शिवसेना और कांग्रेस में टकराव ! उद्धव ठाकरे ने CAA का किया समर्थन
प्रशांत किशोर ने इस दौरान नीतीश कुमार के विकास मॉडल पर भी सवाल खड़े किए। पीके बोले कि नीतीश कुमार के राज में विकास हुआ है लेकिन आज भी बिहार की स्थिति कई मामलों में 2005 जैसी है। बिहार में बिजली है लेकिन सिर्फ पंखा-बल्ब जल रहा है, सड़क है लेकिन बिहार के लोगों के पास इतनी शक्ति नहीं है कि वो वाहन चलाएं। उन्होंने कहा कि 2004 से पहले वाले जो नीतीश कुमार थे जो बिहार के लिए संघर्ष करते थे उनके लिए उनके मन में सम्मान है, लेकिन आज 16 सांसदों के साथ जो किसी के पिछलग्गू बने हुए हैं वो नीतीश कुमार उनकी पसंद वाले नहीं हैं।
यह पढ़ें : CAA पर शिवसेना और कांग्रेस में टकराव ! उद्धव ठाकरे ने CAA का किया समर्थन
https://www.youtube.com/watch?v=O0CNfD5JC6I