रामनगर का नाम बदलने पर बोले प्रह्लाद जोशी: ‘सिद्धारमैया सरकार को राम से है एलर्जी’

कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार (26 जुलाई) को रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार (26 जुलाई) को रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने बताया, “हमने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का निर्णय लिया है।”

पाटिल ने कहा, “नाम बदलने का फैसला स्थानीय लोगों की मांग पर किया गया है। राजस्व विभाग इस प्रक्रिया को शुरू करेगा।” मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, “सिर्फ जिले का नाम बदलेगा, बाकी सब वही रहेगा।”

मामला कैसे उठा?

रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का प्रस्ताव हाल में तब जोर पकड़ने लगा, जब उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और इस मुद्दे को उठाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा। रामनगर जिले में रामनगर, मगदी, कनकपुरा, चन्नापटना और हरोहल्ली तालुका शामिल हैं।

बीजेपी की प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद प्रल्हाद जोशी ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “रामनगर जिले का नाम बदलने का यह फैसला राम और राम मंदिर के प्रति उनकी एलर्जी को दर्शाता है। अब उन्हें राम के नाम से भी समस्या होने लगी है।”

जोशी ने आगे कहा, “जब हमारी सरकार के समय राम मंदिर निर्माण हो रहा था तब भी वो लोग ऐसा ही कर रहे थे। आज (26 जुलाई) को रामनगर के नाम को बदलने का फैसला लेकर कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार ने सिद्ध कर दिया कि वो राम के खिलाफ हैं।”

नाम बदलने का कारण

जोशी ने कहा कि नाम बदलने की किसी ने भी मांग नहीं की थी। रामनगर के सांसद डॉ. मंजूनाथ ने भी लिखा है कि नाम नहीं बदला जाना चाहिए, लेकिन वोट बैंक पॉलिटिक्स और रियल एस्टेट के लालच में यह सब किया जा रहा है।

बीजेपी करेगी विरोध

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जब भी राम के बारे में बात होती है तो सिद्धारमैया बोलते हैं कि मेरे नाम में ही राम है। अगर आपके नाम में राम है तो यह काम क्यों कर रहे हैं? मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस फैसले को तत्काल प्रभाव से वापस लें, वरना बीजेपी इसका विरोध करेगी।” डीके शिवकुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह अपना व्यक्तिगत एजेंडा चला रहे हैं और रियल एस्टेट की वैल्यूएशन बढ़ाने के लिए यह काम कर रहे हैं।

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