कानपुर केस में पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, पुलिसकर्मियों पर कुल्हाड़ी से भी हुआ था वार
कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर गैंगस्टर विकास दुबे के गुंडों ने फायरिंग कर दी थी। इस हादसे में कानपुर पुलिस के 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। ऐसे में अब कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। आज गैंगसर विकास दुबे के साथ ही को भी पुलिस ने पकड़ लिया है। वहीं जांच में पता चला है कि हमलावरों ने पुलिस टीम पर तमंचे के साथ एकेAK-47 से भी गोलियां बरसाई थी। रीजेंसी अस्पताल में एक्सरे से पहले शहीद सिपाही जितेंद्र पाल के शरीर से AK-47 की एक गोली बरामद हुई है। यही नहीं पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि 4 जवानों के शरीर से गोलियां आर-पार निकल गई थी। अन्य चार जवानों के शरीर से 315 और 312 बोर के कारतूस के टुकड़े बरामद हुए हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक दरोगा अनूप को सबसे ज्यादा 7 गोलियां मारी गई थी। वहीं सीओ देवेंद्र मिश्रा के चेहरे, सीने और पैर पर सटाकर गोली मारी गई। उनका भेजा और गर्दन का हिस्सा उड़ गया था। उनके पैर और कमर पर कुल्हाड़ी से वार के निशान थे। वही पुलिस के मुताबिक सिपाही जितेंद्र पाल के पैर, हाथ, सीने और कमर में 5 गोलियां मारी गई थी। उनके सीने पैर और बगल में गोली लगी थी। वहीं थाना प्रभारी महेश के चेहरे, पेट और सीने पर पांच गोली और दरोगा नेबुलाल के 4 गोलियां लगी थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक थाना प्रभारी महेश यादव, मंधना चौकी प्रभारी अनूप सिंह, दरोगा नेबूलाल और जितेंद्र पाल के शरीर से ही गोलियों और उनके टुकड़े बरामद हुए हैं। सीओ देवेंद्र मिश्रा, सिपाही राहुल, बबलू और सुल्तान के शरीर से बुलेट नहीं मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक सिपाही बबलू की कनपटी चेहरे सीने पर गोली लगी और सिपाही राहुल की पतली कमर कोहनी और पेट में चार गोली लगी जो आरपार निकल गई।
शब्दों से बरामद हुए कारतूस व उनके टुकड़ों को फॉरेंसिक जांच के लिए इस समय भेजा गया है। वहीं पुलिस ने बताया कि हमले के दौरान सिपाहियों की राइफल एस्से और चौकी इंचार्ज की पिस्टल लूट ली गई थी। हमलावरों ने सिपाही सुल्तान और बबलू के शहीद होने के बाद मौके पर पड़ी उनकी राइफल और थाना प्रभारी महेश यादव व दरोगा अनूप की पिस्टल लूट ली थी।