डाक विभाग स्कूलों में खोलेगा फिलेटली क्लब, घर बैठे पाये रंग-बिरंगी डाक टिकटें
वाराणसी। कोरोना संक्रमण के दौर में डाक विभाग एक नई पहल करने जा रहा है। बच्चों व किशोरों में रचनात्मक अभिवृत्ति विकसित करने के लिए विभाग उनके लिए फिलेटली डिपॉजिट एकाउंट खुलवाने के साथ-साथ स्कूलों में फिलेटली क्लब खोले जाने की तैयारियों में जुट गया है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में डाक टिकट संग्रह और इसके पीछे छुपे कथ्य व इतिहास के प्रति अध्ययन की अभिरुचि को विकसित करना है। इसकी शुरूआत कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों से होगी। डाक टिकटों के माध्यम से ही विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान मजबूत होगा जो आगे काम आएगा।
शुक्रवार को वाराणसी परिक्षेत्र के नवागत पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस पहल से छात्रों की जहां रचनात्मक विकास होगा। वहीं, तमाम समसामयिक विषयों, घटनाओं, देश की विभूतियों, जैव विविधता आदि से छात्र इन डाक टिकटों के माध्यम से रूबरू हो सकेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी इससे मदद मिलेगी। पोस्टमास्टर जनरल ने बताया कि
विभाग जल्द ही विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्यों से संपर्क करेगा।
उन्होंने बताया कि, स्कूल अपने यहां फिलेटली डिपाजिट एकाउंट खोलें इसके लिए प्रयास चल रहा है। फिलेटली को हॉबी की तरह प्रमोट किया जाए यानी विद्यालय अपनी रचनात्मक कार्यों में इसे भी शामिल करने की जरूरत है। मात्र 200 रुपये में किसी भी फिलेटलिक ब्यूरो या प्रधान डाकघर में ये एकाउंट खोला जा सकता है। वाराणसी में फिलेटली ब्यूरो प्रधान डाकघर विश्वेश्वरगंज में है। उन्होंने बताया कि स्कूलों का अपना फिलेटली डिपाजिट एकाउंट खुलने से डाक टिकट, सूचना विवरणिका इत्यादि हर माह पंजीकृत पत्र से स्कूल को भेजा जाएगा। इससे स्कूल डाक टिकट कलेक्शन का डिस्प्ले भी कर सकेंगे। साथ ही इसे लाइब्रेरी में भी रख सकेंगे जिससे बच्चे इसे देख और पढ़ सकेंगे। इसके साथ ही बच्चों को व्यक्तिगत तौर पर भी फिलेटली डिपाजिट एकाउंट खोलने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
श्री यादव ने स्कूल प्रबंधन से आह्वान किया कि बच्चों को जब भी कोई उपहार या पुरस्कार दे, तो उसमें बच्चों को फिलेटली डिपाजिट एकाउंट खोलकर दें। ताकि हर साल जब विद्यार्थियों के पास डाक टिकटों का संग्रह पहुंचे तो उन्हें स्कूल की तरफ से मिलने वाले सम्मान का अहसास हमेशा ताजा रहे।