दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण हुआ कम, फिर भी नहीं मिल रही शुद्ध हवा
नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता (Delhi Air Quality) में पिछले कुछ दिनों से सुधार देखने को मिल रहा है, लेकिन यह अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. शुक्रवार की सुबह दिल्ली के आनंद विहार में AQI 385, तो बवाना में 318 दर्ज किया गया. यह दिल्ली-एनसीआर के सिर्फ दो ऐसे इलाके हैं, जो कि रेड जोन में हैं. वहीं, दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के साथ हरियाणा के फरीदाबाद में भी जहरीली हवा का असर कम हुआ है, लेकिन हालात चिंताजनक बने हुए हैं. दिल्ली में आज ओवरऑल एक्यूआई 293 दर्ज किया गया, जो गुरुवार (208) की अपेक्षा अधिक है.
बहरहाल, दिल्ली-एनसीआर में राजधानी के आनंद विहार और बवाना ( AQI 385 और 318) को छोड़कर सभी इलाकों की हवा में सुधार हो रहा है. दिल्ली में आज आया नगर में एक्यूआई 178 दर्ज किया गया, जो सबसे कम था. हालांकि अन्य इलाके भी अब 285 से नीचे आ गए हैं. वहीं, यूपी के गाजियाबाद के लोनी में AQI 195 और संजय नगर में 200 दर्ज किया गया. जबकि नोएडा के सेक्टर 116 में 184 तो सेक्टर 125 में 190 है. वहीं, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 3 में यह 188 बना हुआ है. वहीं, इस बार प्रदूषण की जबरदस्त मार झेलने वाले हरियाणा के फरीदाबाद में एक्यआई 200 के करीब पहुंच गया है. इस समय सेक्टर 30 में 201 और सेक्टर 16A में यह 208 दर्ज किया गया है. इससे पहले यहां AQI 999 दर्ज किया गया था.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि वायु गुणवत्ता में उम्मीद से अधिक सुधार है जिससे पता चलता है कि प्रदूषण को रोकने के लिए किये गए इंतजाम का नतीजा प्राप्त हो रहा है. एजेंसी ने कहा कि अगले चार दिन में हवा की गति मध्यम रहने की उम्मीद है.
दिल्ली-एनसीआर में ये है प्रदूषण का पैमाना
बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 तक के एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है.
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
वहीं, दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. जबकि पिछले हफ्ते की सख्त सुनवाई के बाद केंद्र सरकार ने एक टास्क फोर्स समेत 40 उड़न दस्तों का गठन किया था जिस पर कोर्ट मामले में हुई कार्रवाई पर रिपोर्ट लेगा. वहीं, कोर्ट दिल्ली और आसपास के इलाकों से निर्माण कार्यों पर लगी रोक को हटाने पर भी विचार कर सकता है.