किसानों की मौत पर गरमाई सियासत, प्रियंका गांधी के बाद राकेश टिकैत भी जाएंगे ललितपुर
ललितपुर. बुंदेलखंड (Bundelkhand) में किसानों की मौत (Farmers Death) को लेकर अब सियासत तेज हो गई है. खासकर ललितपुर (Lalitpur) जिले में महज 10 दिन के अंदर पांच किसानों की मौत हो गई, इसमें जहां दो किसानों की खाद की लाइन में खड़े-खड़े ही मौत हो गई, वहीं तीन किसानों ने फांसी लगाकर जान दे दी. माना जा रहा है कि किसानों ने कर्ज और खाद की किल्लत के चलते जान दी है. तीन दिन पूर्व कांग्रेस की राष्टीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने ललितपुर आकर मृतक किसानों के परिजनों से मुलाकात कर प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला किया था. आज यानी 1 नवम्बर को भारतीय किसान यूनियन के राष्टीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का जनपद आगमन हो रहा है. वह यहां आकर मृतक किसानों के परिवारों से मुलाकात करेंगे.
गौरतलब है कि बुंदेलखंड के कई जिलों में खाद की किल्लत देखने को मिल रही है. जिसकी वजह से किसान कई दिनों से लाइन में भी लगे हैं. बुंदेलखंड के अलावा पश्चिम यूपी के आगरा में भी किसान खाद की कमी से जूझ रहे हैं. दो किसान नेताओं ने अपने खून से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार भी लगाई है. बता दें रवि और सरसों की बुआई के लिए किसानों को डीएपी खाद की जरुरत है. किसानों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से व्यापारी खाद की कालाबाजारी में जुटे हैं.
प्रियंका ने की पीड़ित परिवारों से मुलाकात
तीन दिन पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ललितपुर से पाली तहसील पहुंचकर मृतक किसानों के परिवारों से मिलीं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ललितपुर, बुंदेलखंड में पीड़ित किसान परिवारों से मिलकर उनकी पीड़ा साझा की. कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि, “यूपी सरकार की कुव्यवस्था से उपजी खाद की कमी के चलते लाइन में खड़े-खड़े किसानों की मृत्यु हो गई थी. सभी किसानों ने खेती के लिए भारी- भरकम कर्ज लिए थे और सरकार की नीतियों के चलते कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे थे. खाद न मिलना, मुआवजा न मिलना और फसल बर्बादी से किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही थीं.”
दस दिनों में इन पांच किसानों ने गंवाई जान
22 अक्टूबर: खाद के लिए दो दिन से लाइन में लगे नयागांव निवासी 55 वर्षीय किसान भोगी पाल की मौत हो गई थी.
25 अक्टूबर: कोतवाली सदर क्षेत्र के मैलवारा खुर्द निवासी सोनी अहिरवार (40) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
26 अक्टूबर: थाना नाराहट के ग्राम बनयाना निवासी 30 साल के किसान महेश बुनकर की मौत हो गई.
27 अक्टूबर: किसान बल्लू पाल ने फांसी लगाई.
30अक्टूबर: रगवर पटेल ग्राम मसोरा खुर्द ने फांसी लगा ली.