एनआरसी पर बिहार में बवाल, जेडीयू ने उठाए सवाल
बीते बुधवार संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पूरे देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन यानी NRC लागू किए जाने की बात से मुद्दा एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है । खासकर बिहार में इस मुद्दे पर राजनीति गरमाने लगी है । जहां एक तरफ जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया है कि बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस मसले पर बात की गई या नहीं? वहीं उनके जवाब में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पूछा है कि आखिर अवैध लोगों से किसी को प्रेम क्यों है?
इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने भी कहा है कि कोई कुछ भी कर ले पूरे देश में NRC लागू होगा और जो घुसपैठिए हैं उन्हें वापस जाना होगा । वहीं लोक जन शक्ति पार्टी इस मुद्दे पर बीजेपी का खुलकर साथ दे रही है । पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि एनआरसी पूरे देश में लागू होना चाहिए । लेकिन किसी भी नागरिक की पहचान करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए । वहीं जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने प्रशांत किशोर के ट्वीट का समर्थन करते हुए कहा कि मैं एनआरसी पर आम सहमति बनाए जाने का पक्षधर हूं । उन्होंने आगे कहा कि हमारे गृह मंत्री और भारत सरकार से आग्रह है सभी स्टेक होल्डर को भरोसे में लेकर आगे बढ़ना चाहिए ।
नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया की मांग
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है । बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि जेडीयू और बीजेपी में भारी अंतर्विरोध है । जेडीयू नहीं चाहती कि बिहार में एनआरसी लागू हो । ऐसे में केंद्र सरकार को बिहार में एनआरसी लागू करने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करनी चाहिए । उन्हीने कहा कि इस पर सर्वदलीय बैठक कर सबकी राय ली जानी चाहिए । बिना राय लिए राज्यों पर थोपने की कोशिश न हो । हालांकि जेडीयू और आरएलएसपी खुलकर एनआरसी का विरोध कर रही है, लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने इसपर प्रतिक्रिया नही दी है । इसके चलते आरजेडी और आरएलसपी ने सीएम नीतीश कुमार को इस मसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने को कहा है ।