हिंदुत्व पर भागवत और उद्धव ठाकरे के बयान से गरमाई सियासत, अब ओवैसी ने कही ये बात
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी समारोह में हिंदुत्व को लेकर दिए गए बयान पर राजनीति तेज हो गई है। शिव सेना प्रमुख और महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तो इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की ही है। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी भी बीच में कूद पड़े हैं। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में मुद्दा तूल पकड़ सकता है। संघ प्रमुख ने संघ के सालाना दशहरा समारोह में अपने उस रुख को दोहराया था कि इस देश में रहने वाले सभी लोगों के पुरखे एक ही हैं। उन्होंने कहा था कि अपने स्व का स्मरण करते हुए हिंदू समाज को फिर से जागृत होना होगा।
संघ का यह कार्यक्रम नागपुर में शुक्रवार सुबह आयोजित हुआ था, जबकि उसी दिन शाम को मुंबई में उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के दशहरा समारोह में भागवत पर तंज करते हुए कहा था कि अगर हमारे पुरखे एक ही हैं तो लखीमपुर में प्रदर्शन कर रहे लोगों के पूर्वज क्या अलग थे? क्या वह दूसरे ग्रह से आए हुए लोग थे? उद्धव ने संघ और अपनी विचारधारा को तो एक बताया लेकिन साफ किया कि रास्ते अलग-अलग हैं। उन्होंने परोक्ष रूप के प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधा और कहा कि झोला उठाकर चल दूंगा, ऐसी सोच हमारी नहीं है।
भागवत और उद्धव ठाकरे के इन बयानों के बीच में एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी निशाना साधते हुए शिवसेना को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि राकांपा और कांग्रेस ने तो अपने तथाकथित धर्मनिरपेक्षता को त्याग दिया है लेकिन आप अपने हिंदुत्व पर अभी भी खड़े हुए हैं। यह बयान इसलिए ही अहम है क्योंकि, महाराष्ट्र में शिव सेना की राकांपा व कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार है।
अब जबकि अगले साल की शुरुआत में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे बयान सामाजिक ध्रुवीकरण की राजनीति को मजबूत करते हैं। ओवैसी बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में अपने लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं। और उनका बयान ऐसी नजर से देखा जा रहा है। वहीं, उद्धव ठाकरे भाजपा से अलग होने के बाद अपने-अपने हिंदुत्व के तेवर बरकरार रखने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस और राकांपा के साथ रहते हुए उन पर कई सवाल खड़े हुए। ऐसे में भागवत पर तंज कसकर वह खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।