अब एनआरसी को लेकर पूरे देश मे घमासान, पक्ष विपक्ष सब भिड़े

असम में NRC लिस्ट जारी होने से जहाँ एक तरफ बीजेपी के कई नेता इसकी मांग दूसरे राज्यों में भी कर रहे हैं, वहीँ विपक्ष इसके कड़े विरोध में दिखाई दे रहा है। कुछ ऐसा ही बिहार(Bihar) और उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) राज्यों में भी हो रहा है। उत्तर प्रदेश में इसकी लगातार मांग की जा रही है, लेकिन बिहार की पार्टियां इसका विरोध कर रही है।

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(NRC) लिस्ट जारी होने के बाद शनिवार को दिल्ली(Delhi), पंजाब और तेलंगाना(Telangana) के बीजेपी नेताओं ने अपने अपने राज्यों में इसकी मांग की थी। उनके बाद अब उत्तर प्रदेश में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी(Waseem Rizvi) ने राज्य में NRC लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्या शहरों और मदरसों तक में घुस चुके हैं। इसके साथ ही योगी कैबिनेट में मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री(Ramnaresh Agnihotri) ने भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर उत्तर प्रदेश में भी एनआरसी को लागू किया जाएगा। वहीँ पंजाब(Punjab) में बीजेपी(BJP) के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी(Vineet Joshi) ने राज्य में NRC लागू किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लुधियाना, अमृतसर और मालेरकोटला की आबादी में बदलाव देखा गया है। जो लोग भारत के नागरिक नहीं हैं उन्हें यहां से बाहर निकाला जाना चाहिए, और रोहिंग्या लोगों को उनके देश वापस भेजा जाना चाहिए।

वहीँ बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल(यूनाइटेड) ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का कड़ा विरोध किया है। बिहार में लेफ्ट पार्टी जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर(Prashant Kishor) ने NRC के खिलाफ ट्वीट कर कहा है कि एनआरसी ने लाखों लोगों को अपने ही देश में विदेशी बना दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जटिल मुद्दों के समाधान को लेकर रणनीति के अभाव और प्रणालीगत चुनौतियों पर ध्यान दिए बिना जब राजनीतिक बयानबाजी और ऐसे फैसले किए जाते हैं तो लोगों को इसकी ऐसी कीमत चुकानी पड़ती है। इससे पहले कांग्रेस और दूसरे विपक्ष दलों के कई बड़े नेता इसके विरोध में बयान दे चुके हैं।

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