झारखंड में भीड़ का खूनी पंजा, फिर टूटा “लिंच” का कहर

झारखंड में पुलिस लाख कोशिशों के बावजूद भीड़ की माॅब लिंचिंग नहीं रोक पा रही है। सरायकेला में माॅब लिंचिंग के कारण एक अल्पसंख्यक युवक की चोरी के शक में जान चली गयी और पुलिस एक बार फिर नकारा साबित हुई। झारखंड के सरायकेला में बाइक चोरी करने के शक में भीड़ ने एक युवक को खंभे से बांधकर पिटाई की थी। इसके बाद युवक की जेल में मौत हो गई। अब पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि पिटाई के दौरान उससे जय श्रीराम के नारे भी लगवाए गए थे। इसके बाद पुलिस ने लापरवाही दिखाई और बगैर इलाज कराए उसे जेल भेज दिया। जहां उचित इलाज नहीं मिलने से युवक ने दम तोड़ दिया। वहीं सरायकेला के एसडीपीओ अविनाश कुमार ने कहा है कि एक लड़के को चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था जहां उसकी मौत हो गयी है। पुलिस लड़के की बेरहमी से पिटाई करने के आरोप के संबंध में कुछ भी बयां नहीं कर रही है। 24 वर्षीय तबरेज की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद रविवार को पुलिस के आला अफसरों ने मामले की गंभीरता से पड़ताल की।

चोरी के आरोप में 17 जून की रात तबरेज अंसारी को भीड़ ने बेरहमी से पीटा था। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर केस दर्ज कर लिया है। सरायकेला-खरसावां जिले के एसपी कार्तिक एस ने रविवार को तबरेज के परिजनों से मुलाकात की। उनका कहना है कि तबरेज की पत्नी के बयान पर केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं तबरेज की पत्नी ने न्याय की गुहार लगाते हुए तबरेज के निर्देाष होने और बेरहमी से पिटाई करने की बात अपने बयान में दर्ज कराया है।

तबरेज की पत्नी ने आरोप लगाया कि ग्रामीणों की पिटाई से तबरेज की हालत बेहद बिगड़ गई थी। उसके सिर में काफी चोट थी। पुलिस ने इलाज के नाम पर खानापूर्ति कर आनन-फानन में जेल भेज दिया। पहले मुकम्मल इलाज कराकर जेल भेजा गया होता तो उसकी जान नहीं जाती। जेल में भी तबरेज का इलाज नहीं किया गया। जमशेदपुर के टीएमएच में तबरेज के चाचा मकसूद का कहना है कि तबरेज अपने साथी के साथ खरसावां के कदमडीहा से जमशेदपुर जा रहा था। इसी दौरान सरायकेला के धतकीडीह में ग्रामीणों ने चोर बताकर पकड़ लिया और रात भर जमकर पीटा। सुबह पुलिस को बुलाकर सौंप दिया गया। पुलिस ने परिजनों को सूचना तक नहीं दी। अन्य स्रोतों से सूचना पाकर जब परिजन थाना पहुंचे तो परिजनों को थानेदार ने ठीक से मिलने तक नहीं दिया। तबरेज की हालत गंभीर थी। जिसे देखकर परिजनों ने सही से इलाज कराने का आग्रह किया तो धमकाकर भगा दिया और जल्दीबाजी में कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।

चाचा मकसूद का कहना है कि तबरेज की साजिश के तहत हत्या की गई है और इसमें पुलिस से लेकर जेल प्रशासन तक की मिली भगत है। पुलिस ने जेल भेजने में जल्दीबाजी दिखाई वही जेल में तबरेज का इलाज नहीं किया गया। बकौल मकसूद-जेल में ही तबरेज की मौत हो गई थी और जेल प्रशासन ने अपना बचाव करने के लिए गंभीर हालत बताकर अस्पताल भेज दिया। अगर तबरेज की हालत गंभीर थी तो परिजनों को भी सूचना देनी चाहिए थी। ऐसा नहीं किया गया जो दर्शाता है कि मंशा क्या थी। मकसूद ने सरायकेला थाना प्रभारी, जेलर और जेल के डॉक्टर पर कार्रवाई और तबरेज की पिटाई करनेवालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है। माॅब लिंचिंग की घटना पर मामले को बढ़ता हुआ देखकर तबरेज को पीटनेवाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस और जेल प्रशासन की लापरवाही की जांच की जा रही है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय ने करमडीहा में मॉब लिंचिंग मामले में जांच टीम बनाई है। टीम को तीन दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। उनकी मांग है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं तबरेज का भाई इसे लेकर अमानवरीय घटना करार दे रहा है और इस मामले की जांच के लिये उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की मांग झारखंड सरकार से कर रहा है। इस घटना के बाद एकबार फिर से माॅब लिंचिंग की घटना केे रूप में झारखंड में घटना घटित होना एक तरह से पुलिस प्रशासन की विफलता की कहानी कह रहा है। वहीं झारखंड और मानवता पर कलंक का टीका लगा रहा है।

 

 

सरायकेला से चन्द्रमणि के साथ अशोक कुमार की रिपोर्ट

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