टूलकिट मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से पुलिस ने की पूछताछ
रायपुर. टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं. सोमवार सुबह को रमन सिंह जहां इस मामले में गिरफ्तारी देने के लिए सिविल लाइन थाने पहुंच गए, वहीं दोपहर बाद पुलिस ने पूर्व सीएम के आवास पर पहुंच कर उनसे इस मामले में पूछताछ की है. बता दें कि रमन सिंह को थाने में नहीं घुसने दिया गया था. इस पर रमन सिंह पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के साथ पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए थे.
गौरतलब है कि कोरोना टूलकिट मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह और बीजेपी के प्रवक्ता के खिलाफ रायपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों नेताओं को नोटिस भेजा था. इस बाबत रमन सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के ऊपर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने टूलकिट के जरिये पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा और देश को बदनाम करने की साजिश रची. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कहने पर छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं पर एफआईआर की गई. ये एफआईआर सिविल लाइन थाने से नहीं, बल्कि कांग्रेस कार्यालय से हुई है. पूर्व सीएम ने कहा कि 19 तारीख को 4 बजकर 4 मिनट पर शिकायत मिलती है और 4 बजकर 6 मिनट पर डॉ. रमन सिंह के खिलाफ पूरी जांच हो गई.
उन्होंने सवाल किया कि नोटिस केस डायरी का हिस्सा होता है, नोटिस मुझे मिला और उसके 5 मिनट बाद कांग्रेस इस नोटिस को ट्वीट कर देती है, जबकि ये चार्जशीट का हिस्सा होता है. ये कांग्रेस के पास कैसे पहुंचा. इसे किसी को दिया नहीं जा सकता, लेकिन इसे पुलिस ने सर्कुलेट किया गया. आरोप लगाया कि पुलिस के लोग आईपीसी और सीआरपीसी कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संकटकाल के समय पर भी झूठे मुकदमे दर्ज करना कांग्रेस का षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा किया गया ट्वीट जनता को जागरूक करने के लिए था, लेकिन पुलिस ने कांग्रेस के दबाव में एफआईआर दर्ज की. मैंने कोई ट्वीट डिलीट नहीं किया. पुलिस ने मेरे ट्वीट का एक्सेस मांगा है, ये निजता के अधिकार का हनन है.