लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा के खिलाफ पुलिस को मिला सबूत!
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर हिंसा (तिकोनिया हिंसा) मामले में यूपी पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यूपी पुलिस को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के खिलाफ सबूत मिले है. बताया जा रहा है आशीष मिश्रा उस दिन घटनास्थल पर अंकित दास की फॉर्च्यूनर कार में मौजूद था. सूत्रों के अनुसार, पुलिस को आशीष मिश्रा की मौजूदगी के सबूत मिले है, जिसके बाद सरगर्मी से आशीष मिश्रा और अंकिता दोनों की तलाश की जा रही है. वहीं तिकोनिया हिंसा में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को शुक्रवार सुबह 10:00 बजे तक क्राइम ब्रांच के सामने हाजिर नहीं हुआ. पुलिस ने गुरुवार को आशीष मिश्रा के घर पर क्राइम ब्रांच के सामने हाजिर होने के लिए उसके मकान पर नोटिस चस्पा किया था. बताया जा रहा है कि पुलिस आशीष मिश्रा को फरार घोषित कर सकती है और आशीष की गिरफ्तारी के लिए उसके संभावित ठिकानों पर दबिश डालेगी.
बार-बार लोकेशन बदल रहा है आशीष
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले का मुख्य आरोपी को यूपी पुलिस ने आज यानी शुक्रवार को पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन तय समय तक आशीष नहीं पहुंचा. वहीं पुलिस ने आशीष की लोकेशन ट्रेस कर ली है. कल यानी गुरुवार को उसकी लोकेशन नेपाल बॉर्डर के पास की आ रही थी जो शुक्रवार सुबह उत्तराखंड के दिख रही थी. यूपी पुलिस इस मामले में उत्तराखंड पुलिस की भी मदद ले रही है.
सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार दाखिल करेगी स्टेटस रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई एनवी रमना कि पीठ के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी. सरकार कि ओर से अब तक उठाए गए सभी कदमों का रिपोर्ट में उल्लेख किया जाएगा. सभी मृतक पीड़ितों के नाम और आरोपियों के नाम दर्ज एफआईआर का भी उल्लेख होगा. यूपी सरकार द्वारा पीड़ितों को दिए गए मुआवजे और आयोग के गठन समेत सभी कदमों की जानकारी अदालत को देगी. यूपी सरकार पुलिस की जांच और आरोपियों कि गिरफ्तारी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करेगी.
उत्तरप्रदेश सरकार का कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा है कि लखीमपुर मामले से सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा. फरवरी मार्च में यूपी में चुनाव हैं इसलिए राजनीतिक दल सहानुभूति पाने के लिए पूरे मामले पर राजनीति कर रहे हैं. आशीष मिश्रा के पेश न होने पर कहा हमारी सरकार का स्पष्ट मानना है कि दोषी-दोषी है उसमें कोई बड़ा छोटा अमीर गरीब नहीं, जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.