तबलीगी जमात के मौलाना साद का राज़दार लगा क्राइम ब्रांच के हाथ , साद पर किए चौकाने वाले खुलासे
- मौलाना साद का पर्दाफाश
- मौलाना साद का राज़दार लगा क्राइम ब्रांच के हाथ
- राज़दार के खुलासे सुनकर चौक गई क्राइम ब्रांच
- अरबों का खिलाड़ी है मौलाना साद
- देश के खिलाफ बाहरी ताकतों को देता है हवा
एक तरफ सरकार कोरोना वायरस पर लगाम लगाने में जुटी हुई हैं। वही दुसरी तरफ कोरोना वायरस की रफ्तार को स्पीड देने वाले तबलीगी जमात के सरगना मौलाना साद के पीछे क्राइम ब्रांच लगी हुई हैं। जैसे जैसे तबलीगी मरकज जमात को लेकर दिल्ली की क्राइम ब्रांच की जांच आगे बढ़ रही हैं वैसे वैसे तबलीगी जमात का सच और जमात के सरगना मौलाना साद की असलियत भी क्राइम ब्रांच के सामने आती जा रही हैं। क्राइम ब्रांच जब यूपी के शामली में बने हुए मौलाना साद के फार्म हाउस पर पहुंची तो फार्म हाउस की शानो शौकत देखकर हर कोई हैरान रह गया हैं और जब क्राइम ब्रांच के हाथ मौलाना साद का राज़दार जावेद लगा तो क्राइम ब्रांच के सामने मौलाना साद की हकीकत की परत दर परत खुलती जा रही हैं।
इस खुलासें में सामने आया कि मौलाना साद लाख या करोड़ो का नही बल्कि अरबों की फंडिंग का खिलाड़ी हैं और इसी फंडिंग से देश विरोधी ताकतों को हवा देने वाला सबसे बड़ा खिलाड़ी भी है मौलाना साद। साथ ही मौलाना साद के इस राज़दान ने पैसों के उस खेल के बारे में भी बताया जिसे खेलने में ना सिर्फ मौलाना साद माहिर है बल्कि उसी अरबों के खेल को खेलकर मौलाना साद तबलीगी जमात का सरपरस्त बन गया। वैसे तो तबलीगी जमात के खाते में हर साल करोड़ो की बारिश होती हैं लेकिन मार्च महीने में मरकज के इस खाते में जिसमे मौलाना साद का भी नाम शामिल है उसमें जैसे करोड़ो रुपए की बाड़ सी आ गई ।
मौलाना साद अरबो की फंडिंग का ये खेल सिर्फ यही खत्म नही होता बल्कि मौलाना साद का असल गेम तो मरकज के खाते में पैसे आने के बाद शुरु होता हैं। जैसे ही मौलाना साद के पास खबर पहुंचती है कि मरकज के खाते में अरबो रुपए ट्रांसफर हो गए है तब एक्टिव होती हैं मौलाना साद की दूसरी टीम। जो 24 से 48 घंटे में खाते से सारी रकम निकाल लेती है और कुछ ही घंटो में अरबो की रकम कई हिस्सों में बंट जाती थी और मौलाना साद की दूसरी टीम नेटबेंकिंग का इस्तेमाल कर एक दर्जन से अधिक खातों में अरबो की रकम ट्रास्फर कर देती थी। ताकि किसी को कोई शक न हो और मौलाना साद पाक साफ ही नज़र आए ।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर करोड़ो के इस खेल में बैंक ऑफ इंडिया की क्या भूमिका है । आखिर उसने बैंक के मरकज के खाते में इतनी बड़ी रकम आने पर कोई एक्शन क्यों नही लिया। तो इसका जवाब है कि इतनी बड़ी रकम की हेरा फेरी होने के बाद बैंक ऑफ इंडिया ने 10 मार्च को मरकज के कर्ताधर्ता से सवाल किया था। जिसका जवाब मौलाना साद के फंडिंग गेम के केप्टन और राज़दार जावेद ने गोलमोल जवाब दिया और जब बैंक अधिकारियों ने जावेद से मौलाना साद को बैंक लाने की बात कही तो ज़रा रसूख तो देखिए मौलाना साद का कि उसके राज़दार ने बैंक अधिकारियों से कहा कि मौलाना साद बैंक नही आ पाएंगे..क्योकि बड़े बड़े अधिकारियों और अफसरों को भी मौलाना साद से मिलने के लिए वक्त लेना पड़ता हैं।
ऐसे में बैंक ने मरकज के अकाउंट को 31 मार्च को बंद करने की चेतावनी दे डाली। फिलहाल इस पूरे मामले की तह तक पहुचने में दिल्ली क्राइम ब्रांच लगी हुई हैं और मरकज के खातों की साथ ही इन खातों में आने वाली रकम की हकीकत जानने के लिए पुलिस ना सिर्फ मौलाना साद की पूरी कुंडली खंगाल रही हैं । बल्कि खाते और मरकज से जुड़े हुए छ: मौलानाओं की गिरफ्तारी की कोशिशों में भी जुटी हुई हैं।