भारत में सैन्य क्षमता से लेकर सौर उर्जा बढ़ाने वाली कंपनियों के CEOs से आज मिलेंगे पीएम, जानें प्लान

वाशिंगटन. भारत (India) द्वारा सैन्य क्षमता को बढ़ाने की कोशिशों के बीच अमेरिकी कंपनी से 30 प्रीडेटर ड्रोन (predator drone) खरीदे जाने हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) वाशिंगटन में ड्रोन निर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स (general atomics) के CEO से मुलाकात करेंगे. वाशिंगटन स्थित सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी चार CEOs से मुलाकात करेंगे. इसमें जनरल एटॉमिक्स, क्वालकॉम, सेमी-कंडक्टर , ब्लैकरॉक, फर्स्ट सोलर, और एडोब के सीईओ शामिल हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका में कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से एप्पल कंपनी के प्रमुख टिम कुक को प्रधानमंत्री के साथ बैठक में शामिल नहीं किया गया. पीएम के साथ जिन CEOs की मीटिंग होनी है उनकी लिस्ट देखकर स्पष्ट है कि इस बैठक के खास इरादे हैं. एक ओर जहां प्रधानमंत्री सैन्य क्षमता बढ़ाने वाली कंपनियों के CEOs से मुलाकात करेंगे तो वहीं दूसरी ओर वह उर्जा के क्षेत्र में अहम काम करने वाली कंपनी के प्रमुख से मुलाकात करेंगे.

पीएम के साथ मीटिंग में मौजूद रहने वाले सभी CEOs ग्लोबल लीडर्स हैं लेकिन जनरल एटॉमिक्स हेड के साथ पीएम की बैठक इसलिए अहम है क्योंकि भारतीय नौसेना पहले से ही इंडोनेशिया में अदन की खाड़ी से लोम्बोक स्ट्रेट्स तक  दो प्रीडेटर एमक्यू-9 UAV ऑपरेट कर रही है. बाइडन प्रशासन ने भी भारत को प्रीडेटर ड्रोन देने के लिए हरी झंडी दे दी है.

30 UAV खरीदने की योजना 
भारत ने  30 UAV खरीदने की योजना बनाई है. इसमें भारतीय नौसेना, थल सेना और वायु सेना को 10-10 ड्रोन मिलेंगे.   ये प्रीडेटर ड्रोन गाइडेड बॉम्ब और मिसाइल्स से लैस होंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय पक्ष भविष्य में इस तरह के 18 और ड्रोन खरीदने पर विचार कर रहा है. ये ड्रोन्स सरकारी समझौते के तहत यूएस फॉरेन मिलिट्री सेल्स के जरिए खरीदे जाएंगे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स की तरफ से तैयार किए गए ये MQ-9 रीपर खुफिया मिशन, निगरानी, एयर सपोर्ट, कॉम्बैट सर्च, बचाव कार्य, टार्गेट डेवलपमेंट और टोह लेने समेत कई काम आसानी से कर सकता है. इन ड्रोन्स की सहनशक्ति क्षमता 48 घंटों तक की है. साथ ही यह 6 हजार नॉटिकल मील के रेंज के साथ आता है. यह अधिकतम 2 टन पेलोड साल ले जा सकता है. इसमें 9 हार्ड पॉइंट्स होते हैं, जिनमें सेंसर और लेजर गाइडेड मिसाइल ले जाने की क्षमता होती है.

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