गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री कोई नियमों से उपर नहीं, पीएम मोदी ने देशवासियों को कोरोना पर सतर्क रहने पर दिया जोर
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन में उन्होंने कहा कि देश में जब से अनलॉक-1 हुआ है तब से ही लोगों ने लापरवाही शुरू कर दी है। पीएम मोदी ने कहा कि जब से देश में अनलॉक -1 हुआ है व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही जरा बढ़ती ही चली जा रही है। पहले हम मास्क को लेकर 2 गज की दूरी को लेकर 20 सेकंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे लेकिन आज जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है तो लापरवाही बढ़ना बहुत ही चिंता का कारण है साथियों लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया अब सरकारों को स्थानीय निकाय की संस्थाओं को देश के नागरिकों को फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है। विशेषकर कंटेनमेंट जोंस उस पर तो हमें बहुत ध्यान देना होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी बोले जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं हमें उन्हें रोकना होगा रोकना होगा और समझाना भी होगा। अभी आपने खबरों में देखा होगा एक देश के प्रधानमंत्री पर ₹13000 का जुर्माना इसलिए लग गया क्योंकि वह सार्वजनिक स्थल पर बिना मास्क पहने निकाल गए। भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए। यह 130 करोड़ देशवासियों की जीवन की रक्षा करने का अभियान है।
भारत में गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री कोई भी नियमों से ऊपर नहीं। लॉकडाउन के दौरान देश की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है कि ऐसी स्थिति में न आए कि किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले। केंद्र सरकार हो , राज्य सरकारें हो, सिविल सोसाइटी के लोग हो इन सभी ने पूरा प्रयास किया। इतने बड़े देश में हमारा कोई गरीब भाई बहन भूखा न सोए। देश हो या व्यक्ति समय पर फैसले लेने से, संवेदनशीलता से फैसले लेने से किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति अनेक गुना बढ़ जाती है। इसलिए लॉकडाउन होते ही सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर इस योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड रुपए का पैकेज दिया गया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि बीते 3 महीनों में 20 हजार करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31000 करोड़ रुपया जमा करवाया गया। इस दौरान 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18000 करोड रुपए जमा हुए। इसके साथ ही गांव में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान तेज गति से आरंभ कर दिया गया। इस पर सरकार 50000 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। लेकिन साथियों एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया और आश्चर्य में डुबो दिया। वो ये कि कोरोना से लड़ने वाले भारत में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 महीने का राशन यानी परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रति परिवार हर महीने 1 किलो दाल भी मुफ्त दी गई। यानी एक तरह से देखे तो अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को और यूरोपियन यूनियन की आबादी से लगभग दोगुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है।