सरकारी खजाने के नुकसान से परेशान पीएम मोदी, मांगी ये लिस्ट
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अदालतों और नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) के फैसलों के चलते इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (Infrastructure Projects) में हो रही देरी की जानकारी मांगी है. उन्होंने कैबिनेट सचिव राजेश गौबा (Rajesh Gauba) को मंत्रालयों के साथ मिलकर इसके संबंध में जानकारी जुटाने के लिए कहा है. 25 अगस्त को ही एक समीक्षा बैठक बुलाई गई थी, जिसमें पीएम मोदी की तरफ से इन फैसलों की पहचान करने, टली हुई परियोजनाओं की सूची बनाने और सरकारी खजाने को हो रहे अनुमानित नुकसान का ब्यौरा तैयार करने के निर्देश दिए गए थे.
चार मंत्रालयों को कैबिनेट सचिव के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा गया है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि सरकार इस काम के पूरा होने के बाद क्या कदम उठाएगी, लेकिन पीएम की तरफ से दखल और कानून मंत्रालय का शामिल होना इस बात के संकेत दे रहे हैं कि सरकार बाधाओं को दूर करने के लिए समन्वय के साथ कानूनी रास्तों का सहारा ले सकती है.
इसी बैठक में पीएम ने कैबिनेट सचिव से एक हफ्ते के अंदर ऐसी परियोजनाओं की सूची तैयार करने के लिए कहा है, जो सरकारी अधिकारियों और प्राधिकरणों के चलते विलंबित हुई हैं. ‘कैबिनेट सचिव को परियोजनाओं की सूची तैयार करनी चाहिए, जो काफी समय से विलंबित हैं और इस तरह की देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसियों की पहचान करनी चाहिए. यह सूची एक हफ्ते के भीतर जमा की जा सकती है.’ 25 अगस्त को हुई बैठक के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि उस दिन समीक्षा की गईं 8 परियोजनाओं के ‘प्रधानमंत्री ने समय पर पूरा होने पर जोर दिया.’
कहा गया है कि 25 अगस्त को हुई बैठक में पीएम प्रतिष्ठित वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट में हुई देरी की वजह से परेशान थे. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात सरकार को लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए थे. 25 अगस्त को पीएम ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को दिल्ली की शहरी विस्तार मार्ग का काम 15 सितंबर 2021 तक शुरू करने के लिए कहा था. ‘मंत्रालय को ‘मिशन मोड’ में काम शुरू कर देना चाहिए और अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता के 75 वर्ष) को देखते हुए 15 अगस्त 2023 से पहले परियोजना को पूरा करना चाहिए.’
हाल ही के दिनों में पीएम मोदी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में विलंब और बढ़ती लागत के चलते इससे हो रहे नुकसान से परेशान हैं. फरवरी में हुई मीटिंग में उन्होंने कैबिनेट सचिव को काम के पूरा होने के इंतजार के बजाए चरणों में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के संचालन के लिए एक व्यवस्था तैयार करने के लिए कहा था. मोदी ने इससे पहले लंबे समय से अटकी हुई परियोजनाओं की भी नियमित रिपोर्ट भेजने और राज्यों से इन प्रोजेक्ट्स में तेजी लाने के लिए कहा था.