पीएम मोदी ने देवेगौड़ा से की मुलाकात, कांग्रेस को कर्नाटक में बीजेपी दे सकती है मात
पीएम मोदी ने देवेगौड़ा की मुलाक़ात से कांग्रेस को लग सकता है झटका
नई दिल्ली: इस चुनावी हलचल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और जदएस के संरक्षक एचडी देवगौड़ा से मंगलवार को संसद भवन में मुलाकात की है. इनकी मुलाकात के बाद कर्नाटक में आगमी परिषद चुनाव के लिए बीजेपी व जद (एस) के बीच चुनावी समझौता होने की अटकलें तेज हो गई हैं. कई बीजेपी नेता ने उनकी मुलाकात की फोटो अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर की है. कर्नाटक विधान परिषद के 20 स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों की 25 सीटों पर 10 दिसंबर को द्विवार्षिक चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा. बता दें इन सीटों पर मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के चलते चुनाव कराए जा रहे हैं.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा जद (एस) का मांग रहे खुला समर्थन
भाजपा के कद्दावर नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा चुनाव में उन सीटों पर जदएस का खुलेआम समर्थन मांग रहे हैं, जहां वह अपने उम्मीदवार नहीं उतार रही है. वहीं इस पृष्ठभूमि में मोदी-देवगौड़ा की मुलाकात का घटनाक्रम भी सामने आया है.जानकारी के मुताबिक जदएस ने केवल अब तक छह सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बीजेपी और कांग्रेस 20-20 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया से बात करते हुए देवगौड़ा ने कहा था कि इस मामले पर चर्चा हुई और बीजेपी को इस मामले में अंतिम फैसला करना है, जबकि जदएस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी निर्णय लेंगे. गौड़ा ने कहा कि इस मामले पर फैसला लेना पूरी तरह बीजेपी पर निर्भर करता है. क्योंकि वह सत्ता में है. कुमारस्वामी ने इस पर नकारात्मक बात नहीं की है. अंतिम निर्णय भाजपा पर निर्भर करता है. येदियुरप्पा की राय (जदएस का समर्थन मांगने) पर.. मैंने पीएम मोदी से कहा कि इसका फैसला आप लें.
इस मामले पर पीएम मोदी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से करेंगे बात
देवगौड़ा ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि वह इस मामले पर प्रह्लाद जोशी से चर्चा करेंगे. इस बीच, दिल्ली के घटनाक्त्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को हुबली में सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि येदियुरप्पा और कुमारस्वामी संभावित समझौते पर अंतिम फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि पीएम और देवगौड़ा के बीच बैठक के दौरान इसके अलावा भी कई मुद्दों पर चर्चा हुई. हालांकि इस मामले को अब स्थानीय नेतृत्व पर छोड़ दिया गया है. हमारे नेता येदियुरप्पा और कुमारस्वामी इस पर अंतिम फैसला लेंगे.
जानकारी के मुताबिक कर्नाटक विधानमंडल के 75 सदस्यीय उच्च सदन में बहुमत हासिल करने के लिए बीजेपी के लिए यह चुनाव बहुत ज्यादा ही महत्वपूर्ण हैं. सूत्रों की माने तो पार्टी उन सीटों पर बीजेपी का समर्थन करने तो तैयार हैं जिन पर वह चुनाव नहीं लड़ रही है.