PM मोदी का लोकसभा भाषण: Tandon, Munshi कांग्रेस के अतीत की यादें

PM नरेंद्र मोदी का यह भाषण भारतीय संविधान और उसके इतिहास के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बयान था। इसमें उन्होंने भारतीय राजनीति के अतीत से जुड़े महत्वपूर्ण विचारों को पुनः जीवित किया

PM नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में भारतीय संविधान की यात्रा पर चर्चा के दौरान अपने भाषण में अतीत के कई संदर्भ दिए, जिनमें से कुछ पहले भी बोले गए थे, जबकि कुछ नए थे। विशेष रूप से उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अतीत के दो प्रमुख नेताओं, पं. पुरुषोत्तम दास तंदन और के. एम. मुंशी का उल्लेख किया, जो राजनीति के विभिन्न पहलुओं से जुड़े थे। इन संदर्भों का उद्देश्य राजनीतिक विमर्श में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करना और भाजपा के सिद्धांतों को मजबूत करना था।

पं. पुरुषोत्तम दास तंदन का उल्लेख

PM मोदी ने पं. पुरुषोत्तम दास तंदन का उल्लेख किया, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक थे। तंदन ने भारतीय लोकतंत्र और उसके ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए थे। उन्होंने भारत के गौरवशाली अतीत और ब्रिटिश शासन से पहले की लोकतांत्रिक परंपराओं की बात की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने तंदन के इस दृष्टिकोण को उद्धृत करते हुए यह बताया कि भारतीय संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों का इतिहास ब्रिटिश काल से भी बहुत पुराना है, और यह भारत के स्वाभिमान को दर्शाता है।

के. एम. मुंशी और समान नागरिक संहिता (UCC)

PM मोदी ने के. एम. मुंशी का भी उल्लेख किया, जो जवाहरलाल नेहरू सरकार के एक प्रमुख मंत्री थे और भारतीय राजनीति में अपनी सुदृढ़ छवि रखते थे। मुंशी ने हमेशा भारतीय समाज के लिए एक समान नागरिक संहिता (UCC) की आवश्यकता पर जोर दिया था। उनका मानना था कि धर्म आधारित व्यक्तिगत कानूनों के बजाय एक समान नागरिक संहिता समाज में समरसता और आधुनिकता को बढ़ावा देगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संदर्भ में मुंशी की बातों को उद्धृत करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार भी समान नागरिक संहिता के पक्ष में है।

भाजपा का एजेंडा: धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता

PM मोदी ने इस भाषण में भाजपा सरकार की योजनाओं का भी उल्लेख किया, जिसमें विशेष रूप से समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने का उद्देश्य है। उन्होंने इसे “धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता” के रूप में प्रस्तुत किया, जो धार्मिक आधार पर बने कानूनों को समाप्त कर एक समान कानूनी ढांचा तैयार करेगा। इस ढांचे का उद्देश्य समाज में एकजुटता और समानता को बढ़ावा देना है। मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी और समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में प्रयासरत है।

कांग्रेस के अतीत पर राजनीति

PM मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस के अतीत का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि कई ऐसे विचार और सिद्धांत थे जो आज भी भारतीय राजनीति के लिए प्रासंगिक हैं, लेकिन जो कांग्रेस ने समय-समय पर त्याग दिए। उन्होंने तंदन और मुंशी के विचारों को उदाहरण के रूप में पेश किया, जो आज भी उनके पार्टी के सिद्धांतों से मेल खाते हैं। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के नेतृत्व पर निशाना साधते हुए यह दिखाने की कोशिश की कि आज की कांग्रेस उन सिद्धांतों से विमुख हो गई है।

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PM नरेंद्र मोदी का यह भाषण भारतीय संविधान और उसके इतिहास के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बयान था। इसमें उन्होंने भारतीय राजनीति के अतीत से जुड़े महत्वपूर्ण विचारों को पुनः जीवित किया और भाजपा के सिद्धांतों को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने का संदेश दिया। उन्होंने विशेष रूप से समान नागरिक संहिता के मुद्दे को जोर देकर उठाया, जो भाजपा के एजेंडे में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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