पीएम मोदी ने समझाया, सरकार क्यों लेकर आई 21 साल वाला शादी का प्रस्ताव
1000 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित कर करीब 16 लाख महिलाओं को फायदा पहुंचाया
प्रयागराज: यूपी चुनाव को लेकर बढ़ती सरगर्मी के बीच पीएम मोदी आज यानी प्रयागराज पहुंचे और दो लाख से अधिक महिलाओं की मौजूदगी वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान पीएम मोदी ने स्वयं सहायता समूह के खातों मे 1000 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित कर करीब 16 लाख महिलाओं को फायदा पहुंचाया. पीएम मोदी ने उस शादी के लिए 21 साल वाले प्रस्ताव का भी जिक्र किया, जिस पर बहस जारी है. यूपी की महिलाओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने समझाया कि आखिर सरकार इस कानून को क्यों लाने जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि लड़कियों को भी लड़कों के समान पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए समान अवसर मिले, इसलिए ऐसा किया जा रहा है.
ज़्यादातर महिलाएं इस फैसले से खुश
लड़कियों के लिए शादी की उम्र 21 साल करने के प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने कहा कि बेटियां भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिले. इसलिए बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है. ज़्यादातर महिलाएं इस फैसले से खुश हैं. वे कह रही हैं कि हमने पीएम को सुना है, ये फैसला एकदम ठीक है. कम उम्र में शादी हो जाने से शिक्षा और नौकरी का सपना पूरा नहीं हो पाता था. कम उम्र में शादी के बाद बच्चे होने से हम और कुछ सोच नहीं पाते थे और परिवार में लग जाते थे.
बेटियों के भविष्य को सशक्त
पीएम मोदी ने कहा कि बिना किसी भेदभाव, बिना किसी पक्षपात, डबल इंजन की सरकार, बेटियों के भविष्य को सशक्त करने के लिए निरंतर काम कर रही है. अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एक और फैसला किया है. पहले बेटों के लिए शादी की उम्र कानूनन 21 साल थी, लेकिन बेटियों के लिए ये उम्र 18 साल ही थी. पीएम मोदी ने कहा कि पहले राज्य में माफियाराज गुंडागर्दी होती थी सबसे बड़ी भुक्तभोगी यूपी की बेटियां होती थी, कुछ कह नहीं सकती थी बोल नहीं पाती थी क्योंकि बलात्कारियो को बचाने के लिए थाने में किसी का फोन आ जाता था.
बता दें कि मोदी सरकार ने हाल ही में लड़कियों की शादी के लिए उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने वाले प्रस्ताव पर मुहर लगाई है. इस प्रस्ताव को अब संसद में पेश किया जाएगा. सरकार इस कानून को लागू करने के लिए मौजूदा कानून में संशोधन करने वाली है. बता दें कि 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से इसका उल्लेख अपने संबोधन में किया थी. उन्होंने कहा था कि कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि बेटियों की शादी उचित समय पर हो.