“PM मोदी ने हमें माल बोला, मुझे अच्छा नहीं लगा – Sulata Dev”
PM नरेंद्र मोदी द्वारा ओडिशा के लोगों को "माल" कहे जाने पर अपनी असहमति जताई। सुलता देव ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री ही ऐसा शब्द इस्तेमाल करेंगे
राज्यसभा में आज एक महत्वपूर्ण बयान दिया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री सुलता देव ने PM नरेंद्र मोदी द्वारा ओडिशा के लोगों को “माल” कहे जाने पर अपनी असहमति जताई। सुलता देव ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री ही ऐसा शब्द इस्तेमाल करेंगे, तो यह अन्य लोगों पर क्या प्रभाव डालेगा?
PM का बयान: ‘ओडिशा वाले माल’
PM नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ओडिशा में एक जनसभा के दौरान ओडिशा के लोगों को “माल” कहा था, जो कि कुछ लोगों के लिए आपत्तिजनक था। इस बयान का उद्देश्य था कि ओडिशा के लोग कुछ कार्यों में पीछे हैं, लेकिन यह शब्द समुदाय के कुछ लोगों को नागवार गुजरा।
सुलता देव का विरोध: ‘मुझे अच्छा नहीं लगा’
सुलता देव ने राज्यसभा में इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि PM द्वारा ओडिशा के लोगों को “माल” कहने का शब्द उनका दिल दुखाने वाला था। उन्होंने कहा, “जब देश के प्रधानमंत्री ही ओडिशा के लोगों को इस तरह का शब्द कहेंगे, तो अन्य लोग क्या कहेंगे?” सुलता देव ने यह भी कहा कि यह शब्द ओडिशा की संस्कृति और सम्मान का अपमान है।
सुलता देव का आक्रोश:
सुलता देव ने कहा कि PM का यह बयान उनके लिए व्यक्तिगत रूप से भी अप्रिय था। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के शब्दों में कुछ ऐसा था जो ओडिशा के लोगों को चोट पहुंचा सकता था। सुलता देव ने यह भी बताया कि इस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल न केवल राजनीति में, बल्कि समाज में भी एक गलत संदेश भेजता है।
ओडिशा की भावना का सम्मान:
सुलता देव ने यह भी कहा कि ओडिशा के लोग अपनी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं, और इस प्रकार के शब्द उनके सम्मान का अपमान करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह अपील की कि वे अपनी भाषा को और ज्यादा विचारशील बनाएं ताकि समाज में सकारात्मक संदेश जाए।
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राज्यसभा में सुलता देव का यह बयान PM के बयान के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह दर्शाता है कि राजनीति में शब्दों का चयन कितना महत्वपूर्ण होता है, और किसी समुदाय या राज्य के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कैसे राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
पीएम मोदी ने ओडिशा के लोगों को “माल” कहने का कोई बयान नहीं दिया है। यह एक विवादास्पद बयान था जो कुछ राजनीतिक नेताओं और मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से सामने आया।
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हाल ही में, ओडिशा के एक नेता Sulata Dev ने संसद में दावा किया कि PM मोदी ने ओडिशा के लोगों को “माल” कहा था। सुल्ता देव ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री इस तरह का बयान देते हैं तो यह समाज में गलत संदेश भेजता है और इससे ओडिशा के लोगों को अपमानित महसूस हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री ही इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करेंगे तो आम लोग क्या कहेंगे।
हालाँकि, पीएम मोदी ने इस तरह के बयान को न तो स्वीकार किया है और न ही इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान दिया है। इस पर विवाद तब शुरू हुआ जब मीडिया रिपोर्ट्स और राजनीतिक दलों ने इसे अपने दृष्टिकोण से पेश किया।
PM मोदी ने ओडिशा के लोगों को “माल” कहने का कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन सुल्ता देव ने इसे लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। इस पर राजनीति और मीडिया में गर्मागरमी बनी हुई है, लेकिन अभी तक इस मामले में प्रधानमंत्री ने कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है।