PM Modi और Dil की मुलाकात: कला, योग और भारत की विशालता पर चर्चा

PM Modi ने गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ से मुलाकात की। इस अनौपचारिक बातचीत में दोनों ने भारत की विविधता, संगीत, और योग जैसे विषयों पर चर्चा की।

नए साल के मौके पर PM Modi ने गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ से मुलाकात की। इस अनौपचारिक बातचीत में दोनों ने भारत की विविधता, संगीत, और योग जैसे विषयों पर चर्चा की। यह मुलाकात न केवल कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करती है, बल्कि भारतीय समाज की एकता और गौरव को भी उजागर करती है।

बातचीत का मुख्य विषय

PM Modi और दिलजीत दोसांझ ने भारत की विशालता और इसकी विविध संस्कृति पर चर्चा की। दिलजीत ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि भारत की महानता के बारे में पढ़ने के बाद जब उन्होंने पूरे देश का भ्रमण किया, तब जाकर उन्हें इसके महत्व का सही अहसास हुआ। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का बड़ा आकार हमारी ताकत है। हम एक जीवंत समाज हैं।”

narendra modi and diljit dosanjh

संगीत और योग पर विचार-विमर्श

PM Modi और दिलजीत ने संगीत और योग के फायदों पर भी बातचीत की। दिलजीत ने प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि उनका गंगा नदी और अपनी मां के प्रति आदरभाव हर किसी को छू गया। यह चर्चा योग और संगीत जैसे विषयों की महत्ता को बढ़ावा देती है, जो भारतीय जीवनशैली के अभिन्न हिस्से हैं।

PM Modi का दिलजीत की तारीफ

PM Modi ने दिलजीत के नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपने नाम “दिलजीत” (दिल जीतने वाला) को सार्थक किया है। उन्होंने कहा, “जब एक भारतीय गांव का लड़का देश का नाम रौशन करता है, तो अच्छा लगता है। आपके परिवार ने आपको दिलजीत नाम दिया और आप लोगों का दिल जीतते रहे।” यह बयान प्रधानमंत्री की कला और कलाकारों के प्रति गहरी संवेदनशीलता को दर्शाता है।

भारत की संस्कृति और एकता पर जोर

इस बातचीत में प्रधानमंत्री ने भारत की विविधता और एकता को रेखांकित किया। उन्होंने भारत को “जीवंत समाज” कहकर इसकी सांस्कृतिक शक्ति पर बल दिया। दिलजीत ने भी भारतीय समाज की प्रशंसा करते हुए बताया कि यह विविधता ही भारत को दुनिया में अद्वितीय बनाती है।

diljit dosanjh

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिलजीत दोसांझ की यह मुलाकात भारत की कला, संस्कृति और सामाजिक मूल्यों को प्रोत्साहित करती है। प्रधानमंत्री के प्रेरणादायक शब्द और दिलजीत की कला के प्रति समर्पण देशवासियों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करते हैं। इस प्रकार की बातचीत न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाती है, बल्कि समाज में एकता और गौरव की भावना को भी मजबूत करती है।

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