8वीं पास ठग ने देश के पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार को ऑनलाइन ठगा था अब हुआ गिरफ्तार
देश में कोरोनावायरस के मामले जब बढ़ रहे थे तो देश में लॉकडाउन किया गया। हालांकि अब भी कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस लॉक डाउन की वजह से देश में बहुत सी चीजें बंद करनी पड़ी थी। ऐसे में शराब की दुकानें तक बंद की गई थी। हालांकि उन दिनों साइबर क्राइम बहुत ज्यादा हो रहे थे। साइबर क्रिमिनल्स ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन लिकर और वाइन शॉप के नाम से पेज बनाकर लोगों के पैसे खाए थे। एक ऐसे ही साइबर क्रिमिनल का शिकार देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार भी हो गए थे।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू हुआ करते थे। संजय बारू लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट पर ऑनलाइन शराब की दुकान सर्च कर रहे थे। गूगल पर सब को फेसबुक पर एक पेज मिला जिसका नाम था La Cave Wine Shop. संजय बारू ने पेज पर लिखे नंबर पर कॉल कर ऑनलाइन शराब का ऑर्डर किया। जहां से उनको ठग लिया गया।
बता दें कि जब उन्होंने ऑर्डर किया तो ऑनलाइन शराब बेचने का दावा करने वालों ने ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा। ऑनलाइन पेमेंट के दौरान संजय के अकाउंट से ₹24000 निकालने गए और फिर साइबरक्रिमिनल ने ठगी के बाद अपना फोन बंद कर लिया। हालांकि संजय बारू ने इसकी शिकायत हौज खास थाने में कर दी थी।
जब पुलिस ने जांच की तो जांच में पता चला कि साइबरक्रिमिनल ने फर्जी नाम पते पर बैंक अकाउंट खुलवा रखा था। दिल्ली पुलिस ने टेक्निकल टीम के जरिए जांच पड़ताल शुरू कर दी और जांच में पता चला कि यह साइबरक्रिमिनल भरतपुर के रहने वाला है।
ठगी के बाद पुलिस इनके घर तक ना पहुंच पाए इसलिए इन्होंने दूसरे राज्य की सिम कार्ड ली और बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया। इन्होंने असम महाराष्ट्र पंजाब और राजस्थान के सिम कार्ड पर बैंक अकाउंट का इस्तेमाल ज्यादा किया था। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस केस की सही से जांच पड़ताल की तो पता चला कि संजय के साथ जो ठगी की गई वह पैसे पंजाब नेशनल बैंक में ट्रांसफर कर लिए गए थे। अकाउंट होल्डर का नाम आकिब जावेद था और पता भरतपुर राजस्थान का था। दिल्ली पुलिस की टीम ने आकिब के भरतपुर के घर पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि पूछताछ में आकर अपने बताया कि वह और उसके साथ ही दूसरे राज्यों के फर्जी नाम पते पर सिम कार्ड लेते थे और फिर अलग-अलग राज्यों में लोगों को कॉल करते थे फिर उन्हें शिकार बना लिया करते थे। यह लोग पांच से 10 मिनट में दूसरे राज्यों के तीन से चार बैंक का अकाउंट या मनी वॉलेट में पैसा ट्रांसफर करते थे। हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि कोई पढ़े लिखे लोगों का काम नहीं था बल्कि यह साइबरक्रिमिनल आकिब जावेद खुद आठवीं पास है और ओला कैब ड्राइवर है।