मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री शांति की अपील करें और विपक्षी पार्टियों से मुलाकात के लिए समय दें: कांग्रेस पार्टी
दिल्ली: कांग्रेस ने मणिपुर में बीते डेढ़ महीने से जारी हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से शांति की अपील करने और विपक्षी दलों के प्रतिनिधि मंडल को मुलाकात के लिए समय देने की मांग की है। यह मांग शनिवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस महासचिव एवं संचार, प्रचार व मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह समेत मणिपुर की दस पार्टियों के नेताओं ने रखी।
कांग्रेस महासचिव एवं संचार, प्रचार व मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि 22 साल पहले भी मणिपुर में हिंसा हुई थी। 18 जून 2001 को मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी। उस समय विधानसभा, स्पीकर का बंगला, मुख्यमंत्री सचिवालय जला दिया गया था। तब देश के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सभी पार्टियों की मांग पर दो बार सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और उनके द्वारा मणिपुर की जनता से शांति की अपील भी की गई थी। आज मणिपुर हिंसा को डेढ़ महीना हो गया है, मगर प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक शब्द भी मणिपुर हिंसा को लेकर नहीं बोला है। जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर की दस पार्टियों ने दस जून को लिखित में प्रधानमंत्री मोदी को एक खत भेजा था, जिसमें मणिपुर मामले को लेकर प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा गया था। इन पार्टियों में मणिपुर कांग्रेस, जेडीयू, सीपीआई, सीपीएम, टीएमसी, आप, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी) और आरएसपी शामिल हैं।
आज मणिपुर की दस पार्टियों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए इंतजार कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी खामोश हैं। अभी तक भी प्रधानमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। आज भी इन दस पार्टियों के प्रतिनिधि प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे हैं। जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति के लिए भाजपा और आरएसएस की विचारधारा जिम्मेदार है। हिंसा रोकने में मणिपुर की राज्य सरकार पूरी तरह से विफल साबित हो चुकी है। राज्य सरकार से कोई उम्मीद नहीं बची है। केंद्रीय गृह मंत्री के मणिपुर दौरे के बाद भी हिंसा लगातार जारी है। अब मणिपुर के लोगों को सिर्फ केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी से सीख लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी 20 जून को विदेश जाने से पहले इन विपक्षी नेताओं से मुलाकात करें और मणिपुर की जनता से शांति की अपील करें। ताकि फिर से मणिपुर में अमन, शांति और सद्भावना आ सके।