फाइजर vs एस्ट्राजेनेका: डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कौन सी वैक्सीन है असरदार? जानें क्या कहती हैं स्टडीज
नई दिल्ली. भारत में वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद ही लग रहा था कि महामारी अब ज्यादा दिन नहीं चलेगी, लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) का बदलता रूप लगातार एक्सपर्ट्स के सामने चुनौतियां पेश कर रहा है. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेडरोस अधानोम घेब्रेयसस ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 का डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) जल्द ही दुनियाभर में हावी हो सकता है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल वैक्सीन को लेकर उठ रहा है. हालांकि, कई फार्मा कंपनियों ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कारगर है. फिलहाल, अलग-अलग देशों में इसपर स्टडी की जा रही है.
दो डोज की प्रभावकारिता दर (फाइजर/एस्ट्राजेनेका)
अध्ययन कहां हुए | अस्पताल में भर्ती होने से सुरक्षा | लक्षणों वाले संक्रमण के खिलाफ |
कनाडा | – | 87% / – |
इंग्लैंड | 96% / 92% | 88% / 60% |
स्कॉटलैंड | – | 83% / 61% |
इजरायल | 93% / – | 64% / – |
सिंगल डोज की प्रभावकारिता दर (फाइजर/एस्ट्राजेनेका)
अध्ययन कहां हुए | अस्पताल में भर्ती होने से सुरक्षा | लक्षणों वाले संक्रमण के खिलाफ |
कनाडा | 78% / 88% | 56% / 67% |
इंग्लैंड | 94% / 71% | 33% / 33% |
स्कॉटलैंड | – | 33% / 33% |
इजरायल | – | – |
हाल ही में रूस की गमालेया रिसर्स इंस्टीट्यूट ऑफ एपेडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने स्पूतनिक V को लेकर स्टडी की थी. स्टडी में पता चला है कि रूसी टीका कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स के खिलाफ न्यूट्रलाइजिंग टाइटर्स तैयार करने में सक्षम है. इन वेरिएंट्स में अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा का नाम भी शामिल है. रशियन इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के मुताबिक, इस अध्ययन के जरिए कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट्स के खिलाफ स्पूतनिक की न्यूट्रलाइजिंग क्षमता जांची गई थी.
डेल्टा वेरिएंट के सामने आने के बाद एंटी कोविड-19 वैक्सीन की भूमिका और भी ज्यादा अहम हो गई है. क्वार्ट्ज इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कम वैक्सीन कवरेज वाले देशों में कोविड-19 के मामलों में अचानक और काफी तेज बढ़त देखी जा रही है. अप्रैल और मई के दौरान भारत में भी कोरोना से संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़े थे. देश में दूसरी लहर का जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट को ही माना जा रहा है. डब्ल्युएचओ ने भी जानकारी दी है कि कोरोना का यह रूप 104 देशों में फैल चुका है.