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Jharkhand के राजनीतिक नेताओं ने गंभीरता से लिया और इसे गलत तथा अपमानजनक करार दिया।इस बयान को लेकर कई राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ आईं।
Jharkhand के संबंध में विवादित बयान
हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का एक बयान चर्चा का विषय बना है। उन्होंने एक सार्वजनिक मंच पर यह दावा किया कि उनके हाथ में भारत का नक्शा है और झारखंड की कोई सीमा किसी दूसरे देश से नहीं मिलती। इस बयान को लेकर कई राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ आईं। उनके इस बयान को Jharkhand के राजनीतिक नेताओं ने गंभीरता से लिया और इसे गलत तथा अपमानजनक करार दिया।
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हिमंत बिस्वा सरमा का बयान और विवाद
हिमंत बिस्वा सरमा का यह बयान असम राज्य के एक कार्यक्रम में दिया गया था, जिसमें उन्होंने कहा कि झारखंड की कोई सीमा पाकिस्तान, बांग्लादेश या नेपाल जैसे देशों से नहीं मिलती है। उनके मुताबिक, इस राज्य की सीमाएं केवल भारतीय राज्यों से ही मिलती हैं। हालांकि, यह बयान Jharkhand के नेताओं के लिए एक चुनौती बन गया है, क्योंकि उनकी मान्यता के अनुसार झारखंड की सीमा एक अन्य देश से मिलती नहीं, लेकिन यहां पर सरमा के बयान को झूठ और झारखंड के लोगों का अपमान माना जा रहा है।
झारखंड की सीमा और सही जानकारी
सच बात यह है कि Jharkhand की कोई सीमा किसी विदेशी देश से नहीं मिलती। झारखंड का सीमावर्ती क्षेत्र भारत के विभिन्न राज्यों से जुड़ा हुआ है, जैसे बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश। इन राज्यों से ही झारखंड की सीमाएँ लगती हैं। हिमंत बिस्वा सरमा के बयान में किसी भ्रम या गलत जानकारी का संचार हुआ है, क्योंकि झारखंड की सीमाओं का भूगोल किसी और देश से नहीं जुड़ता।
Jharkhand के नेताओं की प्रतिक्रिया
इस बयान के बाद झारखंड के नेताओं ने गृहमंत्री अमित शाह और हिमंत बिस्वा सरमा से माफी की मांग की है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने इसे राज्य के लोगों का अपमान करार दिया। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि इस तरह के बेतुके और अपमानजनक बयानों से झारखंड के लोगों की भावनाएँ आहत होती हैं। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बयान बताते हुए इसकी आलोचना की।
बयान पर झारखंड सरकार की प्रतिक्रिया
Jharkhand सरकार ने हिमंत बिस्वा सरमा के बयान पर कड़ा विरोध जताया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बयान को गैर जिम्मेदाराना और भ्रामक बताते हुए कहा कि इससे राज्य की छवि को नुकसान पहुँच सकता है। उनका कहना था कि यह एक साफ-सुथरी राजनीति के विपरीत बयान है और राज्य के लोग इस तरह की बयानबाजी को स्वीकार नहीं करेंगे।
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हिमंत बिस्वा सरमा का बयान झारखंड के लोगों के लिए अपमानजनक साबित हुआ और इससे राजनीतिक असहमति की स्थिति उत्पन्न हो गई। झारखंड की सीमा भारतीय राज्यों से जुड़ी हुई है और इसे किसी विदेशी देश से जोड़ने का दावा पूरी तरह से गलत था। ऐसे बयानों से बचने की जरूरत है, ताकि राज्य की प्रतिष्ठा और उसकी सीमाओं के बारे में गलतफहमियाँ न पैदा हों।