उत्तरप्रदेश में बिजली कटौती से जनता हुई परेशान!
चुनाव पे पहले कई वायदे होते है , जानता को अपने पक्ष में करने के लिए सरकार कई हटकंडे अपनाती है लेकिन चुनाव हो जाने के बाद तुम कौन और मै कौन का फॉर्मूला अपनाया जाता है,
चुनाव पे पहले कई वायदे होते है , जानता को अपने पक्ष में करने के लिए सरकार कई हथकंडे अपनाती है लेकिन चुनाव हो जाने के बाद तुम कौन और मै कौन का फॉर्मूला अपनाया जाता है, चुनाव से पहले सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि गांव में 18 घंटे बिजली दी जा रही है लेकिन हकीकत ये है 14-15 घंटे भी उत्तरप्रदेश मे कही बिजली नहीं आ रही है. अखिलेश सरकार ने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा का वादा किया था
और योगी सरकार में तो बिजली मुफ्त पाने का छोड़िए, जानता को तो बिजली ही नहीं मिल रही है।
इस बढ़ते गर्मी के प्रकोप के साथ इन्सान का पंखा भी फ़ैल हो जा रहा है और वही उत्तरप्रदेश में तो लोगो वो भी नसीब नहीं हो पा रहा है, हर जगह बिजली की कटौती हो रही है , वहीं यूपी के ऊर्जा मंत्री का कहना है कि अत्यधिक गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है, पिछले वर्ष की अपेक्षा अब मांग बहुत ज़्यादा बढ़ गई है। उर्जा विभाग में कार्यरत सभी भाई बहनों से निवेदन है कि इस चुनौती पूर्ण समय में जनता की सेवा के लिए रात दिन सजग, तत्पर एवं उपलब्ध है,
वहीं अखिलेश यादव का एक इंटरव्यू कहना है कि यदि सरकारी बदल जाती तो बिजली सुधर जाती अखिलेश
और अभी हाली मे ही अखिलेश ने ट्वीट कर योगी सरकार पर फिर निशाना साधा है : कोरोना काल के बिजली बिल माफ़ करने को कहा है।
उत्तरप्रदेश में बिजली कटौती बच्चे से ले कर बूढ़े हर कोइ दुखी है , ना केवल घर बल्कि अस्पताल , दुकान एवं कारखानों का भी वही हाल है ,
उत्तरप्रदेश में इस बढ़ती गर्मी के कारण बिजली वितरण में ओवर लोडिंग के कारण इस बढ़ते बिजली संकट में भाजपा सरकार लोगो को सहानुभूति देने के अलावा और कोई प्रक्रिया नजर नहीं आ रही है और विपक्ष निशाना साधने का कोई अवसर नहीं छोड रहा है