रामगढ़ में मानसून का असर:भैरवी नदी को पार करने के लिए लोग ले रहे जुगाड़ नाव का सहारा, पिछले 5 साल से बरसात में ऐसे ही हो जाते हैं हालात
बाइक को जुगाड़ नाव से नदी पार कराने का अलग से चार्ज लिया जाता है।
पोटमदगा-कुल्ही पुल में फिर से जुगाड़ के नाव से भैरवी नदी को पार करने का सिलसिला शुरू हो गया है। लोग जान जोखिम में डाल इस नदी को पार करने को मजबूर हैं। यह स्थिति पिछले 5 साल से चली आ रही है। दरअसल, भारत सरकार प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 2018 में पोटमदगा-कुल्ही में उच्चस्तरीय पुल का निर्माण कार्य 2.06 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया है। लेकिन विभाग और ठेकेदार की लापरवाही के कारण इसे अब तक पूरा नहीं किया जा सका।
भैरवा जलाशय के डैम में जलस्तर बढ़ने के कारण 13 जून को पुरानी पुलिया भैरवी नदी में डूब गई। इसके बाद लोगों ने नदी पार करने के लिए पुराने ट्यूब और बांस से नाव बनाई। इसके लिए पुरुषों से प्रति ट्रिप 20 रुपए लिए जाते हैं। वहीं, महिलाओं के लिए यह सुविधा फ्री है।
महिलाओं के लिए जुगाड़ नाव की यह सुविधा फ्री है।
बाइक और भारी सामान भी किया जाता है नदी के पार
जुगाड़ की यह नाव सिर्फ ग्रामीणों को ही नहीं, बल्कि उनकी बाइक व अन्य सामान भी नदी पार करा रही है। बाइक पार कराने का अलग से चार्ज लिया जाता है। दुलमी प्रखंड वासियों को गोला-सिकिदरी व चारु मार्ग से जोड़ने का मुख्य रास्ता है पोटमदगा-कुल्ही पुल। जुगाड़ के नाव के सहारे प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण 500 मीटर चौड़ी नदी को पार कर रहे हैं। नाविक सुखू महतो बताते हैं कि नाव बह ना जाए इसके लिए हम दो लोग नाव पकड़ कर रस्सी के सहारे उसके साथ चलते हैं।