गिलगित बालटिस्तान के लोग सत्तारूढ़ दल के खिलाफ मतदान करेंगेः बिलावल
इस्लामाबाद। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि गिलगित बालटिस्तान में 15 नवम्बर को होने वाले चुनाव में जनता सत्तारूढ़ दल तहरीक ए इंसाफ पार्टी के खिलाफ मतदान करेगी। पीपीपी गिलगित बालटिस्तान के लोगों को शासन करने, संपत्ति का अधिकार और प्रधानमंत्री को चुनने का अधिकार देगी।
उन्होंने गिजार जिले के गह कोच क्षेत्र की नुक्कड़ सभा में शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर भी हमला किया। बिलावल ने कहा कहा कि इमरान कैबिनेट ने गिलगित बालटिस्तान के अलग प्रांत की मांग को ठुकरा दिया था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी थी। जरदारी ने कहा कि समाज का हर तबका प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। पाकिस्तान गरीबी , भूख , महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहा है। पीपीपी ने हमेशा गरीबों के लिए सब्सिडी का प्रावधान किया है। इमरान सरकार ने अमीरों के लिए एमनेस्टी लागू की है । अब इमरान खान चाहते हैं कि वह गिलगित बालटिस्तान के पर्यटन सेक्टर को अपने दोस्तों को दे दें। पीपीपी नेता ने कहा कि वह ऐसा नहीं होने देंगे।
उन्होंने गिलगित बालटिस्तान के हर मतदाता से मतदान करने की अपील की है। जरदारी ने कहा कि यह चुनाव ही अवाम का भविष्य तय करेगा। उधर, गिलगित बालटिस्तान की यथास्थिति को बदलने के बाद विरोध के बीच इमरान खान ने रविवार को गिलगित बालटिस्तान को प्रोविजनल प्रांत का दर्जा प्रदान करने की घोषणा की है। गिलगित बालटिस्तान के दौरे पर पहुंचे इमरान खान ने कहा कि उनके यहां आने का एक ही मकसद है कि लोग जान सकें कि गिलगित बालटिस्तान को प्रोविजनल प्रांत का दर्जा हुकूमत देगी। पाकिस्तान ने यह कदम तब उठाया है जब हाल ही में सऊदी अरब ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित बालटिस्तान को पाकिस्तान के नक्शे से अलग दिखाया है। गिलगित बालटिस्तान के मुद्दे पर इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा रहा है।
8 अक्टूबर को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद शहर में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और स्टूडेंट लिबरेशन फ्रंट ने गिलगित बालटिस्तान को प्रांत का दर्जा देने के खिलाफ बहुत भारी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था ।कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह जान दे देंगे पर पाकिस्तान को इस क्षेत्र के यथास्थिति को बदलने नहीं देंगे। गिलगित बालटिस्तान के लोग जो पाकिस्तान के अन्य शहरों में रह रहे हैं उन लोगों ने भी सरकार के एकतरफा फैसले का खिलाफ किया है।
गिलगित बालटिस्तान को पहले उत्तरी क्षेत्र कहा जाता था। वहां गिलगित बालटिस्तान एंपावरमेंट ऐंड सेल्फ गवर्नेंस ऑर्डर 2009′ के तहत स्थापित किए गए इलेक्टोरल फ्रेमवर्क के अनुसार शासन किया जाता है। इसके तहत यहां चुनाव होते हैं पर सीमित स्वतंत्रता के साथ। यहां के लोग आरोप लगाते हैं कि पाकिस्तान उनके संसाधनों का दोहन करता है और इसके बदले उस क्षेत्र को किसी भी रूप में लाभांश नहीं देता है। विरोध को फौज के बल पर दबा दिया जाता है।