बैंक लोन देने के लिए तैयार है लेकिन ग्राहक नहीं लेना चाहते कोई भी जोखिम : एसबीआई चेयरमैन
कोरोना काल के बीच लोगों तक नगदी पहुंचाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से लोन बांटने पर जोर दिया जा रहा है। लगातार लोन लेने के लिए लोगों को कहा जा रहा है। वहीं रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है जिससे लोग लोन लेने के लिए आकर्षित हूं। लॉक डाउन के अंदर अंदर रिजर्व बैंक दो बार रेपो रेट कम कर चुका है। इस समय हालात ये हैं कि रेपो रेट 4 फ़ीसदी पर है जो सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। वहीं बैंकों ने भी लोन लेने की प्रक्रिया को पहले के मुकाबले बेहद आसान बना दिया है। इस सब के बावजूद भी लोग लोन लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने यह स्वीकार किया है कि लोग लोन नहीं ले रहे हैं। एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि बैंक कर्ज देने के लिए तैयार है लेकिन ग्राहक कर्ज लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। रजनीश कुमार ने बैंक की जमा रिजर्व बैंक के पास रखने की आलोचनाओं पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि “हमारे पास फंड है लेकिन कर्ज की मांग नहीं है। ऐसे में बैंकों का पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। जहां तक ग्राहकों की बात है तो वह अभी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।”
बता दें कि लगातार आलोचना की जा रही है कि रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट पर दी गई राहत को बैंक ग्राहकों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। जिसकी वजह से लोग लोन नहीं ले रहे हैं। बैंक अपने फंड को रिजर्व बैंक के पास जमा कर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा लेना चाहते हैं। बता दें कि इस मुनाफे को रिवर्स रेपो रेट कहां जाता है। हालांकि आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 4 फ़ीसदी से घटाकर 3.75 फ़ीसदी कर दिया है।
वहीं एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार को उम्मीद है कि सूक्ष्म लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) क्षेत्र को 3 लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी योजना पर लोग लोन लेंगे। इस योजना के जरिए सरकार चाहती है कि एमएसएमई क्षेत्र के लोग ज्यादा से ज्यादा लोन लेकर अपने कारोबार को चलाएं और उसका विस्तार करें। हालांकि इस समय कोई भी रिस्क नहीं लेना चाह रहा है। जिससे लोगों में इस योजना के तहत भी कम उत्साह देखा जा रहा है।