गुड़ खाकर प्रदूषण से बच रहे गुरुग्राम वाले!
- गुरुग्राम बना गुड़ गाव
- प्रदूषण को लेकर गुड़ खा रहे गुरुग्राम के लोग
- दिवाली के बाद से साइबर सिटी में बढ़ गयी गुड़ की बिक्री
- दम घोटु स्मॉग से गुड़ खा कर बचने की कवायद
- दिवाली के बाद से जहरीले स्मॉग के चलते दूसरी बार की गई स्कूलों की छुट्टी
- जिला प्रदूषण विभाग भी प्रदूषण फैलाने को लेकर लगातार जुटा है चलानिंग में
- नगर निगम,जीएमडीए,इक्को ग्रीन,एच्एसआईडीसी जैसे सरकारी विभागों के भी काटे लाखों के चालान
- एक करोड़ 86 लाख के चालान काटे जिला प्रदूषण विभाग ने
दमघोटु प्रदूषण में साइबर सिटी की जनता गुड़ का सहारा ले रही हैं | जी हां सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर है लेकिन दिवाली के बाद से लगातार खतरनाक और जहरीली स्मॉग से बचने के लिए साइबर सिटी की तकरीबन जनता गुड़ का सेवन कर प्रदूषण से बचने और राहत पाने की कोशिशों में लगी है | गुरुग्राम के सदर बाजार की परचून की दुकानों पर जहाँ गुड़ की बिक्री दिवाली के बाद से लगातार बढ़ने लगी है | तो वही यहां से घर के रोजमर्रा के समान खरीदने वाले लोग भी दुकानों से घर के समान के साथ साथ गुड़ भी खरीदने में लगे है | वहीँ अगर ऐसे तमाम दुकानदारों की माने तो वैसे तो सर्दी के मौसम में लोग गुड़ के सेवन करते ही हैं लेकिन इन दिनों प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है | तो ऐसे में गुड़ की बिक्री भी लगातार बढ़ती जा रही है | हालांकि डॉक्टर्स इससे इतेफाक नही रखते की गुड़ प्रदूषण के प्रभाव को कम करता है | लेकिन डॉक्टर्स ने भी इस जहरीले स्मॉग से बचने का काफी उपाय हैं | जो बताए है कि किस कदर इस जहरीली होती हवा से बचा जा सकता है |
वही दिल्ली एनसीआर में जहरीली होती सांसो के आपातकाल का आलम कुछ इस कदर भी भयावह हो चला है कि इस सर्दी में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दो बार स्कूलों की छुट्टी घोषित की जा चुकी है | वही ऐसा नही है की जिला प्रशासन प्रदूषण को लेकर कुछ कर नही रह है | जिला का प्रदूषण विभाग इस बार 1 करोड़ 86 लाख का चालान कर चुका है | तो वही ऐसी उद्योगक इकाइयों को भी अगले आदेशो तक बंद करवा चुका है जो कि प्रदूषण फैलाने का काम करती थी | वही इस बार जिला प्रदूषण विभाग ने सरकारी विभागों के भी प्रदूषण फैलाने को लेकर चालान काटे है | जिसमे नगर निगम गुरुग्राम से लेकर जीएमडीए,इक्को ग्रीन,एच्एसआईडीसी तक को लाखों के चालान थमाए गए है जो कि पहली बार हुआ है |
हालांकि इस स्मॉग से मुक्ति कब और कैसे मिलेगी इस पर जितना काम प्रदेश सरकार को करना चाहिए न तो उस युध्द स्तर पर काम शुरू हुआ और न ही उसके लिए जिस गंभीरता से काम किया जाना चाहिए था | वो ही किया जा सका है | जिसका खामियाजा आम जनता भुगतने को मजबूर हो चली है क्योंकि जहाँ एक और सरकार जोड़तोड़ की राजनीति से गुजर रही है |तो वही इंसान भी इस जहरीले स्मॉग में जोड़ तोड़ कर मसलन गुड़ खा प्रदूषण के प्रभाव को कम करने जैसे उपायों को करने में लगा है।