एम्स में संवाद स्थापित करने के लिए संचालित संवाद हेल्प डेस्क का लोगों को मिल रहा लाभ
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित व कोरोना आशंकित मरीजों व उनके तीमारदारों के बीच संवाद स्थापित करने के लिए संचालित संवाद हेल्प डेस्क का लोगों को लाभ मिलने लगा है। भर्ती मरीजों के रिश्तेदार, शुभचिंतक संवाद हेल्प डेस्क के जारी टेलीफोन नंबरों पर दूरभाष व वाट्सएप संदेश भेजकर अपने सुधीजनों की कुशलक्षेम जान रहे हैं। एम्स ऋषिकेश में संवाद हेल्प डेस्क की शुरुआत 10 सितंबर से की गई थी। जिसका उद्देश्य एम्स अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव व कोरोना आशंकित मरीजों तथा उनके अटेंडेंट, परिजनों के बीच संवाद स्थापित करना था,जिससे मरीज के स्वास्थ्य की संपूर्ण जानकारी उनके करीबी लोगों तक पहुंच सके।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देश के तहत अस्पताल में भर्ती कोरोना पेशेंट्स से उनके तीमारदारों, अटेंडेंट्स व अन्य परिजनों को मिलने की अनुमति नहीं है। लिहाजा अस्पताल में भर्ती अपने मरीज के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए मरीज के रिश्तेदारों, करीबी लोगों को कई तरह की व्यवहारिक दिक्कतें पेश आ रही थी। लिहाजा इस बाबत एम्स निदेशक रवि कांत के दिशा निर्देशन में बीती 10 सितंबर-2020 को एम्स ऋषिकेश में संवाद हेल्प डेस्क की स्थापना की गई थी।संवाद हेल्प डेस्क में लोगों की सहायता के लिए दूरभाष नंबर- 0135-2462929 व वाट्सएप नंबर 72170 14336 जारी किए गए थे। इन नंबरों पर मरीज के तीमारदार, रिश्तेदार अथवा करीबी लोग संपर्क स्थापित कर भर्ती मरीज के स्वास्थ्य संबंधी अपडेट ले सकते हैं। इसके अलावा मोबाईल नंबर 72170 14336 पर पेशेंट के बारे में वाट्सएप संदेश भेजकर भी उसके स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इस बाबत एम्स के डीन अस्पताल प्रशासन प्रो. यू.बी. मिश्रा ने बताया कि संवाद हेल्प डेस्क की स्थापना के बाद जारी टेलीफोन नंबरों से लोगों को अपने भर्ती मरीज से संबंधित जानकारी प्राप्त करने का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त नंबरों पर डेस्क की स्थापना के बाद से हररोज 100 से अधिक टेलीफोन व वाट्सएप संदेश आ रहे हैं,जिन्हें डेस्क पर तैनात कर्मचारी संबंधित वार्ड या आई.सी. यू. तक पहुंचाते हैं तथा वहां से मरीज के बाबत प्राप्त जानकारी व्हाट्सएप संदेश द्वारा मरीजों के तीमारदारों को उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भर्ती मरीज के परिजन उक्त नंबरों के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का व्यौरा प्राप्त कर सकते हैं।
संवाद के नोडल अधिकारी डा. सतीश रवि ने बताया कि हेल्प डेस्क से मरीज से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए फोन करने वाले व्यक्ति को भर्ती मरीज की संपूर्ण लोकेशन ब्लॉक, वार्ड व बेड संख्या बतानी होगी। इसके बाद डेस्क के माध्यम से मरीज से जुड़े चिकित्सक से संपर्क स्थापित कर उसकी अपडेट्स पता कर मरीज के पारिवारिकजनों को दे दी जाएगी।
संवाद डेस्क से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड के अलावा अन्य प्रदेशों से भी मरीजों के तीमारदार दैनिक तौर पर सुबह व शाम संवाद डेस्क हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क साधकर अपने मरीज का हालचाल जान रहे हैं। उन्होंने बताया कि एम्स के ट्राॅमा इमारत के तल मंजिल व इमरजेंसी के प्रवेश द्वार पर स्थित संवाद के कंट्रोल डेस्क पर स्थित टेलीफोन द्वारा भी विभिन्न वार्डों व आई.सी. यू. में बात की जा सकती है। संवाद हेल्प डेस्क 24 घंटे सुचारू रूप से कार्य कर रही है।