देश का पीएम मोदी से सवाल ,क्या लेडी कान्स्स्टेबल सुनीता यादव जाएँगी वापस नौकरी पर !
सूरत के वारछा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री के बेटे और महिला कॉन्स्टेबल के बीच कर्फ्यू के प्रोटोकाल का उल्लंघन करने पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। मौके पर महिला कॉन्स्टेबल ने मंत्री के बेटे की जमकर क्लास लगाई। यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई है। यह घटना शुक्रवार रात करीब 10:00 बजे की बताई जा रही है। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद गुजरात सहित पूरे देश भर में यह एक बड़ा ट्रेंडिंग मामला बन चुका है। इस विवाद की शुरुआत कार सवार पांच युवकों के बिना मास्क पहने मिलने और एमएलए लिखी कार को रोके जाने के बाद हुई।
बता दें कि इन युवकों ने मौके पर मंत्री के बेटे प्रकाश को बुला लिया था महिला कॉन्स्टेबल का नाम सुनीता यादव है जिनकी बहादुरी की वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। हालांकि इसी बात के चलते सुनीता यादव को इस्तीफा भी देना पड़ गया है। बता दें कि जब बेटे को महिला कॉन्स्टेबल सुनीता यादव ने पकड़ लिया तो उसने अपने मंत्री पिता को फोन किया। इसके बाद दोनों के बीच बहस हो गई और यह बहस करीब डेढ़ घंटे तक चली इस ड्रामे का ऑडियो और वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस दौरान गाली-गलौज और कहासुनी भी हुई। दावा किया जा रहा है कि जो आवाज है वह मंत्री कनानी की आवाज है।
बता दें कि मंत्री के बेटे ने कॉन्स्टेबल सुनीता को 365 दिन तक सड़क पर खड़े रहने की ड्यूटी लगवा देने की धमकी तक दे दी थी। जिस पर सुनीता भड़क गई थी और उन्होंने कहा कि पुलिस की वर्दी तुम्हारे बाप की गुलामी करने के लिए नहीं पहनी है औकात हो तो करवा देना मेरा ट्रांसफर गांधीनगर।
इस घटनाक्रम के बाद कॉन्स्टेबल सुनीता ने वरिष्ठ अफसरों के सामने इस्तीफा की पेशकश की और घर लौट आए हालांकि इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया है। सुनीता का पुलिस मुख्यालय ट्रांसफर कर दिया गया। कमिश्नर आरबी ब्रह्मा भट्ट ने डिवीजन के ए सी पी सी के पटेल को मामले की जांच का आदेश भी दे दिया है और सुनीता 3 साल पहले पुलिस में भर्ती हुई थी।
बता दें कि इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर लो इस महिला कांस्टेबल की बहादुरी के पोस्ट कर रहे हैं। हालांकि इस मामले पर लगातार कहा जा रहा है कि मंत्री और मंत्री के बेटे को इसकी सजा होनी चाहिए। साथ ही इस बात को बहुत ही गलत ठहराया जा रहा है। वही इसको देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के कई वर्षों तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस समय पूरा देश पीएम मोदी से सिर्फ यही सवाल पूछ रहा है कि इस बहादुर पुलिस कर्मी के साथ यह अत्याचार क्यों। वही अब सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या सुनीता यादव वापस नौकरी पर जाएंगी।