पेगासस जासूसी: विपक्ष बना रहा सरकार के खिलाफ रणनीति, टीएमसी और आप ने दिया चर्चा का नोटिस
इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए अवैध फोन टैपिंग के आरोपों पर सरकार को घेरने की रणनीति पर फैसला करने के लिए विपक्षी दल आज सुबह संसद भवन में बैठक करेंगे। बैठक सुबह 10 बजे शुरू होगी। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण की मांग की है।
सोमवार को मानसून सत्र की शुरुआत में ही इस्राइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये जासूसी मामले के खुलासे ने अन्य सभी मुद्दों को पीछे छोड़ दिया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने दूसरे मुद्दों की जगह जासूसी मामले पर सरकार को घेरने की प्राथमिकता देने की नई रणनीति तैयार की। दूसरी ओर सरकार भी दूसरे मुद्दों पर पलटवार करने के बदले जासूसी मामले में विपक्ष के हमले का जवाब देने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। विपक्ष ने इस मामले में पहले दिन की तरह ही तीखे तेवर बरकरार रखने के साफ संदेश दिया है।
टीएमसी-आप सांसद ने ‘जासूसी’ मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर राय और आप सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत पेगासस ‘जासूसी’ मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। विपक्षी दलों ने सोमवार को, इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग कर देश में प्रमुख हस्तियों की कथित फोन टैपिंग को लेकर सरकार पर निशाना साधा और एक स्वतंत्र न्यायिक जांच या संसदीय समिति की जांच की मांग की।
पार्टी ने कहा, ‘तृणमूल के सुखेंदु शेखर राय ने पेगासस मामले पर (नियम) 267 के तहत नोटिस दिया है।’ नियम 267 विपक्षी सांसदों को उच्च सदन में नियमित कामकाज को रोककर किसी ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा करने के लिए लिखित नोटिस देने का अवसर देता है।
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने रविवार को बताया कि भारत में दो मौजूदा मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित 300 से अधिक सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों को स्पाइवेयर के माध्यम से हैकिंग के लिये कथित रूप से निशाना बनाया गया है।
हंगामा जारी रहने के आसार
पहले विपक्ष की रणनीति पहले दिन हंगामे के बाद किसान आंदोलन, कोरोना और महंगाई पर बारी बारी से चर्चा कराने पर राजी होने की थी। हालांकि अब जासूसी मामले में विपक्ष की नई योजना कड़े तेवर जारी रखने की है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे के साथ प्रधानमंत्री से सदन में बयान देने की मांग की है। विपक्ष ने साफ संकेत दिया है कि फिलहाल वह इस मुद्दे को तूल देने के पक्ष में है। जाहिर है कि इसका असर सदन की कार्यवाही पर पड़ना तय है।
कोरोना महामारी पर आज दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कोरोना टीकाकरण नीति और महामारी पर चर्चा के लिए लोकसभा और राज्यसभा में सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं। बैठक में कोरोना से निपटने को लेकर एक प्रस्तुति दी जाएगी।
बता दें कि संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने घोषणा करते हुए बताया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पार्लियामेंट एनेक्सी में कोरोना महामारी पर दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगे।
हालांकि सरकार की इस घोषणा पर एतराज जताते हुए विपक्षी दलों ने सवाल उठाया कि जब संसद सत्र चल रहा होगा तो बाहर संबोधन करने की जरूरत क्या है। यह बेहद अनियमित है और इसका मकसद मानकों की अनदेखी करना है। पार्लियामेंट एनेक्सी संसद भवन परिसर में एक अलग इमारत है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ-ब्रायन ने कहा, ‘संसद के बाहर जाने की जरूरत क्या है। कोई भी संबोधन सदन में होना चाहिए। यह संसद की अनदेखी करने का एक और तरीका है। संसद का मजाक बनाना बंद कीजिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सांसद किसी कांफ्रेंस रूम में प्रधानमंत्री या इस सरकार से महामारी पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन नहीं देखना चाहते।’ माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, उनकी पार्टी का हमेशा से यह रुख रहा है कि जब संसद सत्र चल रहा हो तो सरकार को जो कुछ कहना है वह सदन में कह सकती है।