अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण तख्तापलट की आहट, राष्ट्रपति गनी पर बढ़ा दबाव, अगले 48 घंटे अहम

काबुल. अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) पर दबाव बढ़ता रहा है. तालिबान मजार ए शरीफ पर कब्जा करने के बाद काबुल की ओर बढ़ रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में राजनीतिक सुलह हो सकती है. अफगानिस्तान से जुड़े सूत्रों ने कहा, “गनी पर बहुत ज्यादा दबाव है. अगले 24 से 48 घंटों में राजनीतिक सुलह हो सकती है.”

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अमेरिका ने तालिबान से साफ तौर पर कहा है कि वे काबुल पर हमला नहीं करेंगे. इस बीच अमेरिका ने अपने 5 हजार सैनिक अफगानिस्तान भेजे हैं. इनका मुख्य काम अपने लोगों को काबुल से निकालना है. सूत्रों ने कहा कि हो सकता है कि एक चुनी हुई सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण तख्तापलट हो जाए.

नाम ना बताने की शर्त पर अफगानिस्तान के अधिकारियों ने कहा, “तालिबान अब भी वही है, उसमें कोई बदलाव नहीं आया है और पाकिस्तान के दिशा निर्देशों पर काम कर रहा है.” बता दें कि अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार ए शरीफ पर शनिवार को तालिबान ने कब्जा कर लिया. हालांकि अफगान सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ.

अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने लोगों को अफगानिस्तान स्थित दूतावासों से निकालने के लिए सैनिकों को वापस काबुल भेजा है. तालिबान के क्रूर इस्लामिक शासन के वापस लौटने के डर के मारे अफगानिस्तान के बहुत सारे हिस्सों से लोग भागकर काबुल में शरण लिए हुए हैं. काबुल के अलावा अफगानिस्तान के 34 में से 20 प्रांतों पर तालिबान का कब्जा हो गया है.

अफगानिस्तान सरकार के एक अधिकारी ने शुक्रवार को पुष्टि करते हुए कहा कि तालिबान का गढ़ कहा जाने वाला दक्षिणी शहर अब पूरी तरह उसके कब्जे में है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में ऐलान किया था कि 11 सितंबर तक अमेरिकी फौजें पूरी तरह अफगानिस्तान से निकल जाएंगी.बता दें कि 2001 में अमेरिका पर हुए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले के बाद जॉर्ज बुश ने अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. अमेरिका और नाटो सैनिकों की अगुवाई में सैन्य बलों ने तालिबान शासन को उखाड़ फेंका था.

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