‘केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का भुगतान सितम्बर में एरियर के साथ’

नयी दिल्ली केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के संगठन ने दावा किया है कि सरकार जनवरी एवं जुलाई 2020 तथा जनवरी 2021 केे महंगाई भत्ते की किश्त, इस वर्ष जुलाई की किश्त के साथ जोड़ कर सितंबर तक भुगतान करने पर सहमत हो गयी है।

संगठन के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद संगठन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने मंगलवार को यहां कहा कि गत 26 एवं 27 जून को नार्थ ब्लाॅक में नेशनल काउसिंल/जेसीएम की बैठक हुई जिसमें केन्द्र सरकार के कैबिनेट सचिव तथा कर्मचारी पक्ष के महासचिव के तौर पर वह स्वयं  एवं अन्य नेता शामिल हुए। इस बैठक में लगभग 28 महत्वपूर्ण मुददों पर विस्तार से चर्चा हुई।

मिश्रा ने बताया कि यह बैठक अत्यन्त महत्वपूर्ण रही क्योकि अन्य मुद्दों के साथ-साथ इस बैठक में पिछले डेढ़ वर्षों से सरकार द्वारा कोरोना महामारी के नाम पर केन्द्रीय कर्मचारियों के फ्रीज किये मंहगाई भत्ता और पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत का मुद्दे पर विचार किया गया।

उन्होंने कहा कि इस बैठक में कैबिनेट सचिव के साथ वार्ता के बाद निर्णय हुआ कि सभी केन्द्रीय कर्मचारियो को पिछले डेढ वर्षों से उनकी महंगाई भत्तेे/महंगाई राहत की जनवरी 2020, जुलाई 2020 एवं जनवरी 2021 की तीन किश्तें, जिन्हें सरकार ने फ्रीज कर दिया था, उन्हें जुलाई 2021 में देय किश्त के साथ जोडकर जुलाई एवं अगस्त 2021 के एरियर सहित सितम्बर 2021 के माह में भुगतान किया जायेगा। इसे कैबिनेट सचिव ने सहमति दे दी।

मिश्रा ने कहा कि कैबिनेट सचिव ने कहा है कि इसके भुगतान हेतु शीघ्रता पूर्वक कार्यवाही की जायेगी। जिससे सभी केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को उनके बन्द महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का भुगतान होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी के बीच केन्द्रीय कर्मचारी जो अपनी जान की परवाह न करते हुए भी काम करते रहे और कइयों ने अपनी जान भी गवांयी, ऐसे में उनको उनके जायज लाभो से वंचित करना सरकार का सर्वथा अनुचित कदम था।
उन्होने कहा कि सरकार महंगाई पर लगाम लगाने में विफल रही बल्कि महंगाई और बढ़ गई है। वहीं दूसरी तरफ केन्द्रीय कर्मचारियों को जो महंगाई के नाम पर भत्ता मिलता था, उसे फ्रीज कर दिया जिससे उनको घर चलाना दूभर हो गया था।
मिश्रा ने उम्मीद जतायी कि इस मीटिंग में लिये गये फैसले से केन्द्रीय कर्मचारियों में अब कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है।

Related Articles

Back to top button