इजराइली दूतावास विस्फोट मामला : दिल्ली की अदालत ने चारों आरोपियों को दी जमानत
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इजराइली दूतावास के बाहर 29 जनवरी को हुए कम तीव्रता के आईईडी ब्लास्ट मामले में कथित संलिप्तता को लेकर लद्दाख के एक गांव से गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को जमानत दे दी।
चीफ मेट्रोपोटिलन मजिस्ट्रेट डॉ. पंकज शर्मा ने गुरुवार को नजीर हुसैन (25), जुल्फिकार अली वजीर (25), अयाज हुसैन (28) और मुजम्मिल हुसैन (25) को जमानत दे दी।
अदालत के सूत्रों के अनुसार, इन चारों आरोपियों ने जमानत का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि अब आगे की जांच के लिए उनकी जरूरत नहीं है और उन्हें हिरासत में रखने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।
वहीं, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है और आरोपियों को रिहा करने से जांच में बाधा आ सकती है।
जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि सबूत बहुत बड़े हैं और जांच पूरी करने के लिए और समय चाहिए। स्पेशल सेल ने एक केंद्रीय खुफिया एजेंसी और कारगिल पुलिस के साथ संयुक्त अभियान के दौरान इन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने चारों पर दिल्ली में आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। सभी आरोपी गांव थांग, जिला कारगिल, लद्दाख के रहने वाले हैं।
गौरतलब है कि 29 जनवरी को शाम करीब 5 बजे एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित इजराइली दूतावास के पास कम तीव्रता वाला आईईडी विस्फोट हुआ था। इसके चलते दूतावास के बाहर खड़ी कुछ कारें थोड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इस मामले की जांच 2 फरवरी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई थी।
घटना के बाद सूत्रों ने पुष्टि की थी कि विस्फोट के लिए अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था और कहा था कि यह विस्फोट किसी बड़ी साजिश का ट्रायल हो सकता है। विस्फोट के लगभग पांच महीने बाद एनआईए ने विस्फोट से पहले दूतावास के पास दिखे दो संदिग्धों के सीसीटीवी फुटेज जारी किए थे। एजेंसी ने दो व्यक्तियों के लिए तलाशी अभियान शुरू किया था और विस्फोट के संबंध में किसी भी जानकारी के लिए 10,00,000 रुपये का इनाम रखा था।