Parliament शीतकालीन सत्र, दिन 13: विपक्ष का विरोध और कार्यवाही स्थगित
Parliament के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण बिना किसी कामकाज के स्थगित कर दी गई।
बुधवार को Parliament के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण बिना किसी कामकाज के स्थगित कर दी गई। लोकसभा में भी भाजपा सांसद के विवादित बयान और विपक्ष के विरोध ने माहौल गरमा दिया।
राज्यसभा की कार्यवाही पर हंगामा
राज्यसभा में पहले पूर्वाह्न सत्र में कोई कामकाज नहीं हुआ।
- पहला स्थगन: राज्यसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी।
- दूसरा स्थगन: दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू होने के बाद विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के चलते पूरे दिन के लिए स्थगन कर दिया गया।
- विवाद का कारण: विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ महाभियोग नोटिस को लेकर तीखी बहस हुई।
Parliament राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा सांसद के बयान पर विवाद
कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के “अपमानजनक टिप्पणी” को हटाने की मांग की।
- कांग्रेस की मांग: कांग्रेस ने इसे राहुल गांधी के खिलाफ “निंदात्मक बयान” बताया और अध्यक्ष से निर्णय लेने की अपील की।
- विधायी कामकाज में भागीदारी की शर्त: कांग्रेस ने कहा कि वह विधायी कामकाज में भाग लेने को तैयार है, लेकिन पहले अध्यक्ष का फैसला आवश्यक है।
राज्यसभा के सभापति के खिलाफ महाभियोग नोटिस
विपक्ष ने राज्यसभा सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया।
- विपक्ष का दावा: कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने 60 विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर के साथ यह नोटिस सौंपा।
- संदेश देने का प्रयास: विपक्ष ने स्वीकार किया कि उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन इसे “संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए मजबूत संदेश” बताया।
- साधारण बहुमत की आवश्यकता: अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है, जो विपक्ष के पास नहीं है।
विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तनाव
Parliament का शीतकालीन सत्र सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव का मंच बन गया है।
- महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा नहीं: विवादों और विरोधों के कारण कई महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हैं।
- लोकतंत्र के लिए संघर्ष: विपक्ष ने यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य “संसदीय लोकतंत्र की रक्षा” करना है।
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सत्र का प्रभाव
Parliament का यह सत्र हंगामों और आरोप-प्रत्यारोपों के कारण प्रभावित रहा है।
- संसदीय कामकाज ठप: हंगामे और स्थगनों के कारण कोई ठोस कार्य नहीं हो सका।
- लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता: विपक्ष ने अपने विरोध को लोकतंत्र की रक्षा का प्रयास बताया, जबकि सत्ता पक्ष ने इसे बाधा के रूप में देखा।
इस सत्र ने भारतीय राजनीति में बढ़ते ध्रुवीकरण को उजागर किया है।