Parliament शीतकालीन सत्र: वक्फ बिल स्थगित, JPC की रिपोर्ट के लिए और समय की मांग
Parliament के शीतकालीन सत्र में वक्फ एक्ट में संशोधन के लिए प्रस्तावित बिल को लाने की संभावना नहीं है। संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने अपनी रिपोर्ट पेश करने की समयसीमा,
वक्फ एक्ट में संशोधन का बिल स्थगित
इस बार Parliament के शीतकालीन सत्र में वक्फ एक्ट में संशोधन के लिए प्रस्तावित बिल को लाने की संभावना नहीं है। संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने अपनी रिपोर्ट पेश करने की समयसीमा, जो 29 नवंबर थी, बढ़ाने का फैसला किया है। इस निर्णय के बाद समिति ने स्पष्ट किया कि इस पर और अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता है। यह कदम उस बैठक के बाद उठाया गया, जिसमें विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध जताया और संक्षिप्त वॉकआउट भी किया।
JPC की बैठक में तूफानी चर्चा
संयुक्त Parliament संसदीय समिति की बैठक 27 नवंबर को हुई, जो काफी गर्मागर्म रही। विपक्षी दलों ने वक्फ बिल पर अपनी गंभीर चिंताएं जाहिर कीं। उनका कहना था कि सरकार इस बिल के माध्यम से वक्फ बोर्ड की कार्यशैली में अत्यधिक हस्तक्षेप करना चाहती है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार इस बिल को पारित करके वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खत्म करना चाहती है। इसके बाद, विपक्षी सदस्यों ने बैठक से वॉकआउट कर दिया, लेकिन समिति ने अपने निर्णय पर विचार करते हुए समय बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की।
सरकार और विपक्ष के बीच टकराव
वक्फ बिल पर सरकार और विपक्ष के बीच तीव्र टकराव देखने को मिला। विपक्षी दलों का कहना था कि यह बिल धार्मिक संस्थाओं और उनकी संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाने के लिए लाया जा रहा है। इसके विपरीत, सरकार का दावा था कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाने के लिए है। सरकार का कहना था कि यह कदम भ्रष्टाचार को रोकने और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने की दिशा में है। विपक्षी दलों का आरोप था कि यह कदम धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करेगा और सरकार वक्फ बोर्ड पर अपनी पकड़ मजबूत करेगी।
JPC का निर्णय: समय बढ़ाने की मांग
Parliament संयुक्त संसदीय समिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि वक्फ बिल पर अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय चाहिए। समिति ने स्पष्ट किया कि बिल के विभिन्न पहलुओं पर सभी संबंधित पक्षों से और अधिक व्यापक रूप से परामर्श किया जाएगा। समिति ने यह भी बताया कि इस बिल को लेकर सभी पक्षों की राय को उचित रूप से समाहित करने के लिए और समय का विस्तार जरूरी है, ताकि कोई भी निर्णय संतुलित और सर्वमान्य हो सके।
आगामी बजट सत्र तक के लिए विस्तार की योजना
JPC का उद्देश्य अब अगले बजट सत्र तक समय बढ़ाना है, जो फरवरी में शुरू होगा। समिति की योजना है कि वह अगले सत्र के अंत तक अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए पर्याप्त समय हासिल करें। इस दौरान, वक्फ बिल पर और अधिक चर्चा होने की संभावना है, जो बिल के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
रिपोर्ट तैयार करने में जटिलताएँ
वक्फ बिल पर रिपोर्ट तैयार करने में कई जटिलताएँ सामने आई हैं। कुछ दलों और धर्मनिरपेक्ष संगठनों ने इसे एक धार्मिक विवाद के रूप में पेश किया है, जबकि कुछ अन्य इसे प्रशासनिक दृष्टिकोण से देख रहे हैं। इस मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श की आवश्यकता है ताकि सभी पक्षों की चिंताओं को ठीक से समाहित किया जा सके। इसके लिए समिति को और समय देने की मांग की गई है, ताकि एक ठोस और सर्वसम्मत रिपोर्ट तैयार की जा सके।
विपक्ष की चिंता और प्रस्तावित संशोधन
विपक्ष का कहना है कि इस बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रशासन पर सरकार का नियंत्रण बढ़ेगा और यह धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन करेगा। वक्फ बोर्ड के अंदर सरकारी अधिकारियों को बैठाने का प्रस्ताव भी चिंता का विषय बना हुआ है। विपक्षी दलों का यह आरोप है कि इस तरह के संशोधन धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता को कमजोर करेंगे, जिससे उनके स्वतंत्र संचालन में बाधा आएगी।
सरकार का पक्ष: पारदर्शिता और सुधार की आवश्यकता
सरकार का कहना है कि इस बिल का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और उनके उपयोग को अधिक प्रभावी बनाना है। सरकार का तर्क है कि इस बिल के माध्यम से वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार किया जाएगा और भ्रष्टाचार को रोका जाएगा। इसके अलावा, सरकार का यह भी कहना है कि यह कदम वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए उठाया गया है, जिससे समाज के सभी वर्गों को फायदा होगा।
राजनीतिक गतिरोध और समाधान की संभावना
Parliament , इस पूरे प्रकरण में एक राजनीतिक गतिरोध देखने को मिल रहा है, क्योंकि दोनों प्रमुख दलों के बीच यह मुद्दा संघर्ष का कारण बन चुका है। हालांकि, JPC के समय बढ़ाने का निर्णय यह संकेत देता है कि सरकार और विपक्ष के बीच किसी प्रकार के समझौते की संभावना बनी हुई है। यदि दोनों पक्ष बातचीत जारी रखते हैं, तो यह विवाद जल्द ही किसी समाधान की ओर बढ़ सकता है।
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अगले सत्र में निर्णय की संभावना
Parliament वक्फ बिल को लेकर विवाद और चर्चाएं अभी समाप्त नहीं हुई हैं। संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट अगले बजट सत्र में पेश होने की उम्मीद है, और यह सत्र दोनों पक्षों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, ताकि वे इस विवादित मुद्दे पर एक संतुलित समाधान पर पहुंच सकें। इस दौरान सरकार और विपक्ष दोनों को अपने-अपने दृष्टिकोण पर विचार करने का और उन्हें सही तरीके से प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा।