कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में अब तक खर्च हुए 9725 करोड़: केंद्र
आज लोकसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कोरोना वैक्सीनेशन पर हुए खर्चे का विवरण दिया. स्वास्थ्य राज्य मंत्री पवार ने कहा कहा कि अगस्त से दिसंबर के बीच हमारे पास कोविड-19 रोधी टीकों की 135 करोड़ खुराकें उपलब्ध होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, हालांकि हम इस बात का अभी सटीक अनुमान नहीं लगा सकते कि टीकाकरण अभियान कब तक पूरा होगा। फिर भी हमें उम्मीद है कि देश में दिसंबर तक 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वाले सभी लोगों को कोरोना रोधी टीका लग जाएगा।
वैक्सीनेशन अभियान में 9725.15 करोड़ रुपये खर्च:
इसके अलावा टीकाकरण कार्यक्रम पर खर्च की गई धनराशि को लेकर भारती प्रवीण पवार ने बताया कि अभी तक इस अभियान में 9725.15 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसमें टीकों की खरीद और उनके ऑपरेशनल कॉस्ट भी शामिल है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की बदलती प्रवृत्ति को देखते हुए टीकाकरण अभियान कब तक पूरा होगा इसका सटीक अनुमान लगाना अभी संभव नहीं है।
ब्लैक फंगस के लिए दवा उपलब्ध:
सवाल ये भी था कि क्या ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज के लिए जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं. इस सवाल पर पवार ने कहा कि इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दोनों दवाएं (एम्फोटेरिसिन बी डिऑक्सीकोलेट और पोसाकोनाजोल) भारतीय बाजारों में आसानी से उपलब्ध हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को मई में सलाह दी थी कि ब्लैक फंगल को अधिसूचिक महामारी घोषित करें।
पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि इस साल की शुरुआत में जारी हुई मसौदा अधिसूचना के अनुसार कुछ निर्धारित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं का उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर एक जनवरी 2022 से प्रतिबंध लग जाएगा। उन्होंने यह जानकारी सिंगल यूज प्लास्टिक को चलन से बाहर करने की योजना पर एक सवाल के जवाब में दी। इनमें प्लास्टिक स्टिक वाली इयरबड्स, गुब्बारों वाली प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के ध्वज, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक आदि शामिल हैं।