वसूली के एक केस में क्राइम ब्रांच ने परमबीर सिंह के घर के बाहर चिपकाया समन का नोटिस
परमबीर पर कस रहा शिकंजा:, 12 अक्टूबर को पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा
वसूली के एक मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया है। इस नोटिस में परमबीर सिंह को 12 अक्टूबर तक क्राइम ब्रांच टीम के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज करवाना है। परमबीर सिंह के लिए कहा जा रहा है कि वे देश छोड़कर जा चुके हैं। उनके रूस या यूरोप के किसी देश में होने की बात कही जा रही है।
परमबीर के खिलाफ मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में एक बिल्डर ने 15 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। बिल्डर का आरोप है कि उनके खिलाफ दर्ज कुछ केस और शिकायतों का निपटारा करने के ऐवज में उनसे 15 करोड़ की डिमांड की गई थी। एफआईआर में सिंह के अलावा पांच अन्य पुलिसकर्मी और दो आम नागरिक के नाम शामिल हैं। जिन पुलिसकर्मियों के नाम एफआईआर में हैं, उनमें से एक मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट में डीसीपी हैं। जबकि अन्य पुलिसकर्मी क्राइम ब्रांच की अलग-अल यूनिट्स में इंस्पेक्टर रैंक पर तैनात हैं। इस मामले में जिन दो नागरिकों के नाम हैं, उन दोनों को ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि किसी भी पुलिसकर्मी की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
NIA के समन के बाद भी पेश नहीं हुए हैं परमबीर
एंटीलिया और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच कर रही एनआईए ने भी मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा है, लेकिन उन्हें अब तक समन डिलीवर नहीं हुआ है। एनआईए और महाराष्ट्र राज्य की जांच एजेंसियों को शक है कि गिरफ्तारी के डर से परमबीर सिंह देश छोड़कर चले गए हैं।
दर्ज हुआ था परमबीर सिंह का बयान
एनआईए सूत्रों ने बताया कि सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद चल रही जांच के दौरान अप्रैल महीने में परमबीर सिंह को एनआईए कार्यालय बुलाया गया था, जहां पर एनआईए ने सचिन वझे से जुड़े कई सवाल पूछे थे। जिस वक्त एंटीलिया कांड सामने आया था तब वझे को मामले का इन्वेस्टिगेशन अधिकारी बनाया गया था और वह सीधे परमबीर सिंह को रिपोर्ट करता था।
कई राज्यों में हुई है परमबीर की तलाश
एंटीलिया केस में NIA द्वारा दायर चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है कि परमबीर को भी इस क्राइम की जानकारी थी। एनआईए ने इसी सिलसिले में अपनी जांच आगे बढ़ाने के लिए परमबीर सिंह को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाना चाहा, लेकिन एजेंसी परमबीर सिंह को ट्रैक नहीं कर पा रही है। NIA की टीम छत्तीसगढ़, रोहतक सहित और कुछ जगहों पर गई, पर कहीं भी सिंह नहीं मिले।
परमबीर सिंह पर क्यों शक है?
चार्जशीट के मुताबिक, एक साइबर एक्सपर्ट ने अपने जवाब में एनआईए को बताया कि एंटीलिया के पास जो जिलेटिन स्टिक्स स्कॉर्पियो में मिली थी, उसके बाद एक टेलीग्राम चैनल पर धमकी आइ थी, जिस पर ‘जैश उल हिंद’ लिखा था। ये कहां से आया था, इसकी रिपोर्ट को मॉडिफाई करने के लिए सिंह ने उसे 5 लाख रुपए दिए थे। इसके अलावा एनआईए ने बताया कि जांच के दौरान उन्हें एक फेसटाइम आईडी मिली, जिसका इस्तेमाल एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपियों और संदिग्धों से सीक्रेट संपर्क स्थापित करने के लिए किया गया था।
परमबीर के खिलाफ दर्ज हैं 5 केस
एनआईए के अलावा स्टेट सीआईडी और ठाणे पुलिस ने परमबीर के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है। सिंह के खिलाफ अब तक 5 मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक की जांच मुंबई, एक की ठाणे और तीन मामलों की जांच स्टेट सीआईडी कर रही है।
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