जानिए ऐसे नेता के बारे में जिसने जेल में पसंद की थी लड़की ओर फिर हुई शादी
बिहार की राजनीति में बात अगर सत्ता परिवर्तन की हो तो पप्पू यादव का नाम आना स्वाभिक सी बात है। लेकिन आज हम आपको पप्पू यादव के नेता वाले नहीं प्रेमी वाले किरदार को बताएंगे। बात उन दिनों की है जब पप्पू यादव पटना की बांकीपुर जेल में बंद थे। और वो अक्सर जेल अधीक्षक के आवास से लगे मैदान में लड़कों को खेलते देखा करते थे।
इन लड़कों में रंजीत के छोटे भाई विक्की भी थे। इस दौरान विक्की से पप्पू की दोस्ती हो गई। एक दिन विक्की ने उनको अपनी फैमिली एलबम दिखाई। उसमें उनकी बहन रंजीत की टेनिस खेलती एक तस्वीर थी और बस वहीं से पप्पू यादव रंजीत को अपना दिल दे बैठे। जेल से छूटने के बाद रंजीत से मिलने के लिए अक्सर टेनिस क्लब में पहुंच जाते थे। रंजीत को उनका आना अच्छा नहीं लगता था। उन्होंने पप्पू को कई बार मना किया, लेकिन वो डटे रहे।
इस बीच रंजीत की बेरूखी जारी रही और प्रेम में असफलता मिलती देख एक दिन परेशान होकर उन्होंने खुदकुशी करने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने ढेर सारी नींद की गोलियां खा ली और इसी बीच रंजीत को उनके प्यार का अहसास हुआ और वह उनको चाहने लगी। लेकिन अब इस प्यार के बीच परिवार खड़ा था। एक इंटरव्यू में पप्पू यादव ने बताया था कि रंजीत के पिता ग्रंथी थे।
वह शुरू से ही उनकी शादी के खिलाफ थे। लेकिन पप्पू यादव के आनंद मार्गी पिता चंद्र नारायण प्रसाद और माता शांति प्रिया की ओर से कोई समस्या नहीं थी। वे दोनों इस शादी के पक्ष में थे। कांग्रेसी नेता एसएस आहलूवालिया की मदद से पप्पू यादव रंजीत के परिवार को मनाने में सफल रहे. पूर्णिया के गुरुद्वारे में दोनों की धूमधाम से शादी हुई।