कांग्रेस का “हाथ” छोड़ पंखुरी पाठक ने थामा “सपा” के अनिल यादव का हाथ !
अनिल यादव वेड्स पंखुड़ी पाठक | ये कार्ड देखकर जहां कुछ लोगो को खुशी हुई तो वही पर कुछ लोगो की आंखे फटी की फटी रह गई | दरअसल सपा नेता अनिल यादव की दुल्हन बनने वाली है पंखुड़ी पाठक और अनिल यादव है सपा के दिग्गज नेताओं में से एक | यानी पंखुड़ी पाठक है सपा की होने वाली बहू | लेकिन इस गठबंधन से कांग्रेस के पेट में दर्द होना लाज़िमी है, क्योकि कांग्रेस में शामिल होने के बाद पंखुड़ी पाठक कांग्रेस की फायर बैंड नेताओ की लिस्ट में शामिल हो गई थी|
ये वही पांखुड़ी पाठक है जिन्होने सपा पर ये आरोप लगाए थे कि सपा अपनी विचार धारा से भटक गई है | समाजवादी पार्टी अपनी समाजवादी विचारधारा से अलग होकर कुछ अलग ही सुर छेड़ रही है | सपा में कार्यकर्ताओं का सम्मान नही हो रहा है | साथ ही समाजवादी पार्टी में द्वेश और अपमान का माहौल बनता जा रहा है | पंखुड़ी पाठक ने सपा पर ये सारे आरोप 2018 में तब लगाए थे | जब उत्तर प्रदेश में 2017 विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन फेल होने के बाद पाखुड़ी पाठक का सपा से मोह भंग होने के बाद पंखुड़ी पाठक ने सपा की साइकिल छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था | लेकिन ये शादी के कार्ड इस बात के गवाह है कि पंखुड़ी पाठक का भले ही सपा से मोह भंग हो गया हो | लेकिन अनिल यादव के लिए पंखुड़ी पाठक के मन में काफी मोह है |
इसी मोह के चलते पंखुड़ी पाठक पहुंची सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पास अपनी शादी का कार्ड देने उन्ही अखिलेश यादव के पास जिन्हे कभी पंखुड़ी पाठक ने पानी पी पी कर कोसा था | लेकिन लगता है कि अब कांग्रेस में सारी उम्मीदों पर पानी फिरने के बाद एक बार फिर पंखुड़ी पाठक को सपा की याद सताने लगी है | अब कांग्रेस का हाथ छोड़ पंखुड़ी पाठक डोली से उतर कर सीधे सपा की साइकिल पर सवार होने के सपने संजो रही है |
जी हां एक वक्त वो था जब पखुंडी पाठक उत्तर प्रदेश में सपा की साइकिल को पंचर करने की भरपूर कोशिशों में जुटी हुई थी | जिसके सबूत 2018 में किए गए पंखुड़ी पाठक के ये ट्वीट है और साल भर के बाद पंखुड़ी पाठक और अखिलेश यादव की सामने आई ये तस्वीरे है जिसमे पंखुड़ी पाठक अखिलेश यादव के साथ है|
ऐसे में इस तस्वीर में सियासत को जानने वाले और समझने वाले पंखुड़ी पाठक के भविष्य को देख भी सकते है और समझ भी सकते है | जिस प्रवक्ता सूची से बाहर होने के बाद पंखुड़ी पाठक का गुस्सा सातवें आसमान पर था और सपा परिवार पर भटकाव का आरोप लगाते हुए पंखुड़ी पाठक थकती नही थी | वही उसी सपा परिवार में आज पंखुड़ी पाठक को अपना भविष्य नज़र आने लगा है | अब सवाल ये उठता है कि क्या सपा नेता अनिल यादव के साथ गठबंधन करने के बाद पंखुड़ी पाठक का सपा के साथ भी गठबंधन हो पाएगा ? और अगर पंखुड़ी पाठक का सपा के साथ गठबंधन हो भी जाता है तो क्या पंखुड़ी पाठक को अखिलेश यादव .सपा की इस होने वाली बहु को पार्टी में कोई बड़ा पद और कद देगें |