पंकजा मुंडे नहीं, एकनाथ खड़से छोड़ सकते हैं बीजेपी, दिया संकेत
महाराष्ट्र बीजेपी के दिग्गज नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे काफी समय से बगावती तेवर दिखा रही हैं। इसके चलते उनके पार्टी छोड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अपने पिता की जयंती पर एक समारोह आयोजित कर अपने फैसलों के बारे में बताने की बात कही थी। ऐसे में दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की जयंती, यानी गुरुवार को पंकजा मुंडे ने महाराष्ट्र के बीड जिले में एक रैली का आयोजन किया। इस रैली में उन्होंने खुलकर अपने विचार सबके सामने रखे। बता दें कि इस रैली में उनके साथ बीजेपी नेता एकनाथ खड़से भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि 27 जनवरी से वह हाथों में मशाल लेकर पूरे महाराष्ट्र का दौरा करेंगी। उन्होंने कहा कि मैं दोबारा संघर्ष यात्रा निकालूंगी और बताउंगी कि मैं क्या हूं। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के कुछ लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी कुछ लोगों के हाथ में आ गई है। इस पार्टी को अब सभी लोगों की पार्टी बनाना है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोग मेरे साथ हैं। मैंने संघर्ष यात्रा निकाली और मेरे साथ लोग खड़े रहे। विधानसभा चुनाव के वक्त मैंने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चुनाव प्रचार किया। हर विधायक के प्रचार के लिए गई ताकि महाराष्ट्र में सरकार बन सके। लेकिन उन लोगों को लगा कि मैं धोखा करने वाली हूं। मेरे अंदर गोपीनाथ मुंडे के संस्कार हैं। मैं किसी को धोखा नहीं देती हूं। उन्होने कहा कि मुझे उन लोगों से कोई अपेक्षा नहीं है। मैंने अपने पोस्ट में लिखा था कि प्रथम राष्ट्र, द्वितीय पार्टी और तृतीय मैं। तो कैसे उन लोगों ने यह सोच लिया कि मैंने धोखा करने वाली हूं।
उन्होंने कहा कि बेशक चुनाव में उनकी हार हुई, लेकिन लोगों का प्यार आज भी उन्ही के साथ है। उन्होंने कहा कि छोटी-मोटी चिल्लर हार मुझे नहीं झुका सकती है। इसके साथ ही पंकजा मुंडे ने मीडिया में चल रही ख़बरों को लेकर कहा कि ‘मैं क्या कदम उठा रही हूं यह सब देख रहे हैं। लोग मेरे बारे में सूत्रों के हवाले से खबरें चला रहे थे। लोगों के सूत्र इतने अच्छे थे, तो किसी को यह क्यों नहीं पता लगा कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार शपथ लेने वाले हैं।’
इसके बाद उन्होंने अजित पवार के पार्टी बदलने को लेकर कहा कि अजित पवार के शपथ लेने के बाद मैंने सुप्रिया सुले के आंखों में आंसू भी देखे। मुझे यह देखकर बहुत दुख हुआ। जब घर टूटता है, तब मुझे पता है क्या होता है। मैंने सुप्रिया सुले और मेरे एक कॉमन दोस्त को यह बात बताई कि अजित पवार का पार्टी छोड़ कर जाना मुझे अच्छा नहीं लगा। इसके बाद भी वो बाद में लोगों से खुशी-खुशी मिलती रहीं, क्योंकि उनके पीछे उनके पिता शरद पवार खड़े थे।
पंकजा ने आगे कहा कि पार्टी की कमान अलग अलग लोगों के हाथ में आती रहती है। कभी गोपीनाथ मुंडे और नितिन गडकरी पार्टी चलाते थे, तो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पार्टी की कमान संभाले हुए हैं। मुझे पार्टी में किसी पद की कोई अपेक्षा नहीं है। इसके आगे उन्होंने कहा कि मैं शांत बैठी हूं तो यह मत समझना कि मुझमे आग नहीं है। अगर जलने लगी तो समंदर कम पड़ जाएगा बुझाने के लिए।
गौरतलब है कि उनके साथ ही समारोह में मौजूद बीजेपी के दिग्गज नेता एकनाथ खड़से ने भी पार्टी छोड़ने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि पंकजा मुंडे पार्टी नहीं छोड़ेंगी, लेकिन मैं अपना कुछ नहीं बता सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा, लेकिन बीजेपी की स्थिति महाराष्ट्र में ज़्यादा अच्छी नहीं है।