अफगान संकट पर खुलने लगी पाकिस्तान की पोल, तालिबान करेगा इमरान के मंत्री की मेहमाननवाजी

आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का रवैया किसी से छुपा नहीं और रह रह कर ये बात खुल ही जाती है कि वह आतंक का समर्थक है और अपनी जमीं पर उसे पालने से भी नहीं चूकता। ऐसा ही कुछ एक बार फिर साबित होता जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी  के रविवार को अफगानिस्तान जाने की संभावना है। तालिबान के कब्जे के बाद काबुल की किसी भी देश के मंत्री की यह पहली यात्रा होगी। यह जानकारी उस समय सामने आई जब कुरैशी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में “सकारात्मक भूमिका” निभाने के लिए दृढ़-संकल्पित है।

उन्होंने तालिबान विद्रोहियों और युद्ध से तबाह देश के पूर्व नेताओं से आपसी विचार-विमर्श के बाद एक सर्व-समावेशी राजनीतिक सरकार बनाने का भी आग्रह किया कुरैशी ने कहा कि कोई भी अफगानिस्तान में खून खराबे का सामना करने के लिए तैयार नहीं है और लोग देश में शांति और स्थिरता की तलाश कर रहे हैं, जिसे तालिबान विद्रोहियों ने अपने कब्जे में ले लिया है। कुरैशी ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में पाकिस्तानी राजदूत भी तमाम अफगान हस्तियों के संपर्क में हैं।

‘अफगानिस्तान ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ दिया है’

तालिबान की ओर से अफगानिस्तान में नियंत्रण करने के बाद उसके साथ पाकिस्तान के संबंध खुले में आ गए है। गौरतलब है कि कि इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान को काबुल पर कब्जा करने का समर्थन करते हुए कहा था, ‘अफगानिस्तान ने “गुलामी की बेड़ियों” को तोड़ दिया है।’ पाकिस्तान पर तालिबान विद्रोह को बढ़ावा देने का आरोप है।

बाजवा ने कही ये बात

पाकिस्तान पर तालिबान विद्रोह को बढ़ावा देने का आरोप है जिसके परिणामस्वरूप अंततः देश पर कब्जा कर लिया गया। तालिबान को सहायता देने के आरोपों के बीच पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाने में अपनी भूमिका निभाता रहेगा।

20 साल के बाद अफगान पर तालिबान का कब्जा 

बता दें कि अफगानिस्तान पर 20 साल के बाद एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। उसने देश के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक, नई अंतरिम सरकार के अंतरिम प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली का नाम सबसे आगे चल रहा है। राष्ट्रपति गनी ने देश छोड़ दिया है।

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