पाकिस्तान संसदीय पैनल करेगा कुलभूषण जाधव की सजा की समीक्षा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान संसदीय पैनल ने उनकी सजा की समीक्षा के लिए सरकार के बिल को मंजूरी प्रदान कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान नेशनल असेंबली की स्टैंडिंग कमेटी ऑन लॉ एंड जस्टिस ने बुधवार को कुलभूषण जाधव के दोष सिद्धि की पुनर्विचार याचिका स्वीकार की है ।
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान दावा करता है कि उसने जाधव को बलूचिस्तान से 2016 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। भारत पाकिस्तान के इस दावे को लगातार खारिज करता रहा है। भारत का पक्ष है कि कुलभूषण जाधव को ईरानी बंदरगाह चाबहार से अपहृत किया गया है। 2017 में पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट ने कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी।
भारत ने पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट के फैसले और जाधव को राजनयिक संपर्क देने से इनकार करने के खिलाफ वर्ष 2017 में ही इंटरनेशनल कोर्ट में अपील की थी। हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ने जुलाई 2019 में दिये फैसले में कहा कि पाकिस्तान जाधव को दोषी ठहराने और सजा देने के फैसले की प्रभावी तरीके से समीक्षा करे और पुनर्विचार करे। इसके साथ ही कोर्ट ने भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच देने का आदेश दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बिल के जरिये पाकिस्तान सरकार भारत को इंटरनेशनल कोर्ट में पाकिस्तान के खिलाफ संभावित अवमानना का मुकदमा दर्ज कराने से रोकना चाहता है। अगर ऐसा नहीं होता और मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भेज दिया जाता है तो पाकिस्तान को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। फेडरल मिनिस्टर फॉर लॉ एंड जस्टिस फरोघ नसीम ने कहा कि जाधव के दोष सिद्धि के बिल के खिलाफ पुनर्विचार याचिका इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (रिव्यू एंड रिकंसीडरेशन) अध्यादेश के दिशा निर्देशों के अनुसार बनाई गई है। इस अध्यादेश की मदद से कुलभूषण जाधव हाईकोर्ट में अपनी सजा के खिलाफ अनुरोध कर सकते हैं।