बहुत दिलचस्प है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान की फ़ज़ीहत की कहानी!
पाकिस्तान और चीन की यारी दुनिया भर से छिपी नहीं है। भारत के विरुद्ध पाकिस्तान के हर कदम में चीन बड़े भाई की तरह साथ देता आया है। इसी का एक और उदाहरण देते हुए चीन कश्मीर का मुद्दा लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) जा पहुंचा। बीती रात इसकी बैठक ख़त्म हुई और पाकिस्तान-चीन को वहां से भी मुँह की खानी पड़ी। बैठक में रूस भारत के पक्ष में नज़र आया। हालाँकि रूस ने कश्मीर को लेकर सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत का समर्थन किया है।
चीन की बात करे तो उसने इस कृत्य को वैध नहीं बताया। यूएनएससी की बैठक खत्म होने के बाद चीनी राजदूत ने कहा कि भारत ने जो संवैधानिक संशोधन किया है उससे मौजूदा स्थिति बदल गई है। चीन ने कहा कि कश्मीर में हालात चिंताजनक हैं। उसने आगे कहा है कि कोई पक्ष एकतरफा कार्रवाई न करे। ऐसी एकतरफा कार्रवाई वैध नहीं है।
बताया भारत का आंतरिक मसला
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि आर्टिकल 370 भारत का आंतरिक मामला है। इसमें बाहरी लोगों के दखल की जरूरत नहीं है। जम्मू-कश्मीर के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत ने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार धीरे-धीरे कश्मीर में से पाबंदियां हटा रही है। अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान जिहाद की बात कर हिंसा फैला रहा है। हम अपनी नीति पर हमेशा की तरह कायम हैं। हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है। उन्होंने कहा कि बातचीत से पहले पाकिस्तान को आतंकवाद को रोकना होगा।
यह भी पहली ही बार है, जब संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था को बंद कमरे में बैठक करनी पड़ी है। वहीं कश्मीर पर यूएन के इतिहास में दूसरी बार बैठक हो रही है। इससे पहली बैठक 1971 के मुद्दे पर हुई थी। हालाँकि पाकिस्तान इस मुद्दे को कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया, पर हर बार सभी दलीले बेकार हुईं हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लगभग सभी देशों ने उसे उलटे पांव लौटा दिया। इस मुद्दे पर सिर्फ चीन ही उसका साथ दे रहा है।
वहीं कश्मीर में हालात बेहतर हो रहे हैं और वहां की ज़िन्दगी पटरी पर वापिस लौट रही है। सोमवार से कश्मीर के सभी स्कूल और दफ्तर दोबारा खोल दिए जाएंगे। सड़कों पर भी चहल-पहल शुरू हो गई है। हालांकि स्थिति की गंभीरता देख और उपद्रव फैलने की आशंका को देखते हुए अभी भी कुछ पूर्व मुख्यमंत्री समेत हजारों लोगों को हिरासत में रखा गया है।