Pahalgam Attack: पत्नी ने कहा: ‘मुझे भी मार दो’, आतंकी ने कहा: ‘नहीं, जाकर मोदी को बता दो.. 27 की मौत

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक में मंगलवार दोपहर को लहू की नदियां बह गईं। खूबसूरत बैसरन घाटी इस बार जन्नत नहीं, आतंक का मंजर बन गई। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 27 मासूमों की जान गई और 20 से ज्यादा घायल हुए।

हनीमून पर गए जोड़े को बनाया गया निशाना, फौज की वर्दी में आए थे आतंकी

इस कायराना हमले की शुरुआत उस समय हुई जब कुछ पर्यटक बैसरन घाटी की सुंदरता का लुत्फ उठा रहे थे। आतंकियों ने पहले एक हनीमून मना रहे जोड़े को रोका और युवक का नाम पूछने के बाद गोली मार दी। यह देखकर उसकी पत्नी बेसुध हो गई। हमलावर भारतीय सेना की वर्दी में थे, जिससे पहले तो लोगों को लगा कि वे सुरक्षा बल हैं, लेकिन कुछ ही पलों में गोलियों की बौछार शुरू हो गई।

शुरुआत में प्रशासन ने छुपाई जानकारी, 4 घंटे बाद सामने आई सच्चाई

हमले के तुरंत बाद प्रशासन ने केवल एक मौत की पुष्टि की, लेकिन 4 घंटे बाद न्यूज एजेंसियों के ज़रिए इस नरसंहार की असलियत सामने आई — 27 मौतें और 20 से ज्यादा घायल। यह लापरवाही भी सवालों के घेरे में है।

विदेशी नागरिक भी बने आतंक का शिकार, भारत के कई राज्यों के लोग मारे गए

मरने वालों में इटली और इज़राइल के एक-एक नागरिक के अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा और तमिलनाडु के पर्यटक शामिल हैं।
मृतकों में शामिल कुछ नाम इस प्रकार हैं:

  • कर्नाटक के शिवमोगा के कारोबारी मंजुनाथ राव
  • महाराष्ट्र के दलीप जयराम, बोटन अधकेरी, अतुल श्रीकांत, संजय लखन
  • गुजरात के हिम्मत भाई, प्रशांत कुमार बलेश्वर, मनीश राजदान, रामचंद्रम, शलिंद्र कालापिया
  • नेपाल के संदीप नवपने और यूएई के उधवानी रादीप कुमार
  • अनंतनाग के स्थानीय नागरिक सैयद हुसैन शाह
  • “जाकर मोदी को बता दो”: आतंकी के इस बयान ने झकझोर दिया देश को

मंजुनाथ की पत्नी पल्लवी ने बताया कि जब उन्होंने आतंकियों से कहा कि उन्हें भी गोली मार दें, तो आतंकी ने कहा, “तुम्हें नहीं मारेंगे, जाकर मोदी को बता दो।” यह बयान सिर्फ एक महिला की बेबसी नहीं, बल्कि आतंकियों की बर्बर मानसिकता और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का घिनौना चेहरा है।

हमले की साजिश टीआरएफ कमांडर सैफुल्लाह ने रची

इस भीषण हमले की साजिश रचने वाला टीआरएफ कमांडर सैफुल्लाह बताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस हमले में कुल छह आतंकी शामिल थे, जिन्होंने भारतीय सेना की वर्दी पहनकर इस वारदात को अंजाम दिया।
हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और सघन सर्च ऑपरेशन चल रहा है। संदिग्धों और राहगीरों से कड़ी पूछताछ की जा रही है।

श्रीअमरनाथ यात्रा से ठीक पहले हमला — पाकिस्तान की सोची-समझी साजिश

तीन जुलाई से श्रीअमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है और उससे ठीक पहले इस तरह का आतंकी हमला इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन भारत की आस्था को चोट पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं। पुलवामा के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है, जिसने न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है।

देश में ग़ुस्सा, सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का आक्रोश

इस घटना के बाद पूरे देश में ग़ुस्सा है। सोशल मीडिया पर #PahalgamAttack, #FightTerrorism और #PakistanBackedTerror ट्रेंड कर रहे हैं। लोग पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सरकार से पूछा जा रहा है — कब तक भारत की ज़मीन पर मासूमों का खून बहता रहेगा?

आतंक की इस घटना ने फिर दिखाया पाकिस्तान का असली चेहरा

यह हमला न सिर्फ पहलगाम या जम्मू-कश्मीर की शांति पर हमला है, बल्कि यह भारत की संप्रभुता और नागरिकों की आज़ादी पर भी सीधा वार है। अब वक्त आ गया है जब भारत को आतंक के खिलाफ और ज्यादा निर्णायक रुख अपनाना होगा। शहीदों की आत्मा तभी शांत होगी जब उनके हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

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