PM Modi की “सर तन से जुदा” वाली तस्वीर पर घमासान, भाजपा-कांग्रेस के बीच एक ‘X’ पोस्ट पर बवाल

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक विवादास्पद तस्वीर पोस्ट की, जिसमें लिखा गया — “जिम्मेदारी के समय गायब”। तस्वीर में एक बिना सिर वाला शरीर दिखाया गया है, जिसकी गर्दन की जगह पर ‘गायब’ शब्द लिखा हुआ है। इसके जवाब में भाजपा ने कांग्रेस पर “सर तन से जुदा” की मानसिकता फैलाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस का आरोप: ज़िम्मेदारी के समय प्रधानमंत्री नदारद
दरअसल, कांग्रेस ने सोमवार को एक्स पर जो पोस्ट की, उसमें सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी का नाम नहीं लिया गया, लेकिन राजनीतिक संकेत बेहद स्पष्ट थे। कांग्रेस का दावा है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब देश की सुरक्षा को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, तब प्रधानमंत्री इसमें शामिल नहीं हुए और वह बिहार में चुनावी रैली कर रहे थे।
मल्लिकार्जुन खड़गे का तीखा बयान:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जयपुर में बयान देते हुए कहा:
“देश का दुर्भाग्य है कि जब देश की शान पर हमला हुआ, तब प्रधानमंत्री बिहार में चुनावी भाषण दे रहे थे। सभी दलों के नेता बैठक में आए, लेकिन प्रधानमंत्री नहीं आए। क्या बिहार दूर था? उन्हें आना चाहिए था और बताना चाहिए था कि उन्हें हमसे किस तरह की मदद चाहिए।”
इस बयान के बाद कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीर ने आग में घी डालने का काम किया।
वायरल तस्वीर: ‘बिना सिर’ और ‘गायब’ शब्द ने भड़काई राजनीति
कांग्रेस की पोस्ट में एक ग्राफिक इमेज दिखाई गई, जिसमें एक बिना सिर वाला इंसानी शरीर था और सिर की जगह ‘गायब’ लिखा गया था। इसके नीचे संदेश था:
“जिम्मेदारी के समय गायब।”
'जिम्मेदारी' के समय – Gayab pic.twitter.com/gXFublGkGn
— Congress (@INCIndia) April 28, 2025
हालांकि कांग्रेस ने तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी का नाम नहीं लिखा, लेकिन पूरे राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए यह स्पष्ट था कि निशाना उन्हीं पर साधा गया है।
भाजपा का पलटवार: कांग्रेस की ‘सर तन से जुदा’ मानसिकता उजागर
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए इसे “सिर काटने” की मानसिकता से जोड़ा। उन्होंने एक्स पर लिखा:
“कांग्रेस ने ‘सर तन से जुदा’ की अपनी छवि का इस्तेमाल करके कोई संदेह नहीं छोड़ा है। यह महज एक राजनीतिक बयान नहीं है बल्कि मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने और प्रधानमंत्री के खिलाफ एक छिपी हुई उकसावेबाजी है।”
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा:
“यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने इस तरह की रणनीति अपनाई है। राहुल गांधी ने कई मौकों पर प्रधानमंत्री के खिलाफ हिंसा को उकसाया है। लेकिन कांग्रेस कभी सफल नहीं होगी, क्योंकि प्रधानमंत्री को लाखों भारतीयों का आशीर्वाद प्राप्त है।”
‘स्लीपर सेल’ जैसे बयान से और तेज़ हुआ सियासी टकराव
अमित मालवीय ने कांग्रेस नेताओं को पाकिस्तान के “स्लीपर सेल” जैसा करार दिया और लिखा:
“कांग्रेस के नेता स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं। उनके गैर-जिम्मेदार बयानों से पीड़ितों के परिवारों का अपमान हो रहा है। हत्याओं के चश्मदीद गवाहों और सबूतों के बावजूद कांग्रेस शुतुरमुर्ग की तरह सिर रेत में छिपाए बैठी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अब “सिरहीन हाइड्रा” में तब्दील हो चुकी है — यानी दिशाहीन, नेतृत्वविहीन और विभाजित पार्टी।
राजनीतिक विश्लेषण: कांग्रेस बनाम भाजपा नैरेटिव वॉर
इस पूरे घटनाक्रम में दोनों दलों के बीच नैरेटिव सेट करने की होड़ दिख रही है। कांग्रेस प्रधानमंत्री की गैरहाजिरी को लेकर सरकार की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर रही है, वहीं भाजपा कांग्रेस पर सांप्रदायिक राजनीति और भड़काऊ बयानों के ज़रिये वोटबैंक साधने का आरोप लगा रही है।
क्या असली मुद्दे गुम हो रहे हैं?
जहां एक ओर पहलगाम आतंकी हमले जैसी गंभीर घटनाएं हुई हैं, वहीं सियासी दल बयानबाज़ी और पोस्ट वॉर में उलझे हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस राजनीति में असली मुद्दे — जैसे सुरक्षा चूक, आतंकवाद के नेटवर्क और जवाबदेही — कहीं पीछे छूटते जा रहे हैं?